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26 Apr 2025, Sat

महासंकट बना ट्रंप का टैरिफ प्लान…चीन और अमेरिका के बीच जंग फिक्स!

बीजिंग। दुनिया में युद्ध के कई मोर्चे खुले हैं, जहां शांति स्थापना की कोशिश भी बंद कर दी गई। इन्हीं विध्वंसक हालात के बीच अमेरिका और चीन ने एक-दूसरे के खिलाफ सीधा मोर्चा खोलने की तैयारी कर ली है। शुरुआत टैरिफ वॉर से हो रही है लेकिन टैरिफ वॉर कब विनाशकारी युद्ध की तरफ रुख कर ले, कहा नहीं जा सकता। ये कोई आकलन नहीं है, बल्कि जंग की तैयारी दोनों पक्षों ने सार्वजनिक भी कर दी है।
चीन के विस्तार को रोकने के लिए ट्रंप ने एक ऐसा दांव चला है, जिससे चीन का पनामा पर दबदबा पूरी तरह से खत्म हो सकता है और ड्रैगन के पंख कतरने वाला ये प्लान धरातल पर उतारा भी जा चुका है। अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने कहा है कि चीन के दखल को रोकने और पनामा की सुरक्षा के लिए हम पनामा नहर को वापस ले रहे हैं। यहां ओबामा और दूसरे नेतृत्व के दौरान चीन का बहुत ज्यादा दखल बढ़ा है इसलिए हम पनाम से उनको बाहर कर रहे हैं।
ये सिर्फ अमेरिकी रक्षा मंत्री का बयान नहीं है, बल्कि इस दिशा में कार्रवाई भी शुरू हो चुकी है, जिसकी पुष्टि खुद ट्रंप ने की है। उन्होंने बताया कि, अमेरिका ने पनामा में बड़ी संख्या सैनिक भेज दिए हैं। तो क्या चीन-अमेरिका की अदावत का कारण सिर्फ पनामा है या इस अदावत की मुख्य वजह है बाजार है, जिस पर चीन का दबदबा है और इसी दबदबे को खत्म करने के लिए ट्रंप ने चीन के खिलाफ सबसे बड़ा दांव चला है।
चीन पर भारी टैरिफ
टैरिफ की जंग में अमेरिका ने पूरी दुनिया को विरोध के मोर्चे पर खड़ा कर दिया था, जिनमें 75 से ज्यादा देशों को 90 दिन की राहत भी दे दी लेकिन अदावत के मोर्चे पर चीन के खिलाफ न तो ट्रंप का रुख बदला, न ही चीन ने हार मानी। ट्रंप ने अपनी नई पॉलिसी के तहत चीन के लिए टैरिफ दर बढ़ाकर 54 प्रतिशत की। जवाब में चीन ने अमेरिका पर 34 प्रतिशत बढ़ाकर 84 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया।
चीन की कार्रवाई से नाराज ट्रंप ने चीन पर 125 प्रतिशत आयात कर लगा दिया लेकिन जिनपिंग ने अभी हार नहीं मानी। चीन ने अमेरिका के खिलाफ युद्ध के मोर्चे खोल दिए जिसके बाद ट्रंप ने चीन पर टैरिफ बढ़ाकर 145 प्रतिशत कर दिया। जिसके जवाब में चीन ने फिर से कार्रवाई की और US पर टैरिफ 125 प्रतिशत कर दिया। हालांकि, ये युद्ध टैरिफ तक सीमित था, जिसे वार्ता से सुलझाया जा सकता था लेकिन दोनों ही तरफ से कोई पहल नहीं हुई, जिससे अमेरिका-चीन के बीच युद्ध का माहौल बन गया।
चीन ने सभी मोर्चे पर शुरू की तैयारी
चीन ने ताइवान के मोर्चे पर घेराव शुरू कर दिया। जापान को मोर्चे पर भी सैन्य तैनाती बढ़ा दी। दक्षिण कोरिया को टारगेट पर ले लिया दक्षिण चीन सागर में सेना उतार दी। यही नहीं चीन ने बाज़ार पर नियंत्रण की रूपरेखा भी तैयार कर ली। टैरिफ वॉर से अलग यूरोप के मोर्चे पर अमेरिका के दबदबे को खत्म करने के लिए बीजिंग का प्लान धरातल पर उतार दिया गया।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा है कि यदि USA दोनों देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हितों की अनदेखी करता है और टैरिफ लगाकर व्यापार युद्ध लड़ने पर जोर देता है, तो चीन निश्चित रूप से अंत तक लड़ेगा। टैरिफ युद्ध के जवाब में चीन ने यूरोपीय संघ और संयुक्त अरब अमीरात के साथ व्यापार संबंध बढ़ाने की तैयारी कर ली।
इस तैयारी के तहत EU के साथ जिनपिंग बीजिंग में सम्मेलन करने जा रहे हैं। चीन के टैरिफ युद्ध में स्पेन भी साथ देने के लिए तैयार है। वहीं UAE के साथ जल्द ही चीन व्यापार शिखर सम्मेलन की योजना बना सकता है और चीन के अमेरिका के खिलाफ उठाया जाने वाले इस कदम से अमेरिका अनजान नहीं है, जिसकी पुष्टि अमेरिकी वित्त मंत्री ने कर दी है।
स्कॉट बेसेंट के अनुसार, यूरोपीय संघ और चीन इलेक्ट्रिक वाहनों पर चर्चा करने जा रहे हैं। इस चर्चा में चीन के इलेक्ट्रिक वाहनों पर टैरिफ खत्म करने का फैसला हो सकता है। यानी, बात इलेक्ट्रिक वाहनों से शुरू होगी और एक ऐसे बाजार का निर्माण होगा, जिसमें अमेरिका का कोई दखल नहीं होगा। हालांकि, अमेरिका ने इस संबंध में चीन से जुड़ने वाले देशों के लिए चेतावनी जारी की है लेकिन यूरोप और चीन पर इसका असर पड़ता नजर नहीं आ रहा है। अब सवाल ये है कि, क्या चीन के साथ सीधे मोर्चे पर टैरिफ वॉर में अमेरिका को बढ़त मिलेगी?
चीन ने अमेरिका के खिलाफ खोला मोर्चा
यही वजह है कि, चीन ने अमेरिका के खिलाफ जिन दो मुहानों पर मोर्चा खोला है, उसके जवाब में अमेरिका ने भी मोर्चाबंदी शुरू कर दी… टैरिफ वॉर और बढ़ने के साथ, बढ़ रही युद्ध की आशंका को देखते हुए, अमेरिका ने चीन के घेराव के लिए सैन्य अभियान को भी हरीझंडी दे दी। पेंटागन ने पनामा के मोर्चे पर सैन्य तैनाती बढ़ा दी। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने बेस को वॉर रेडी कर दिया है। जापान के ओकिनावा द्वीप से चीन की निगरानी शुरू कर दी है। अमेरिकी सबमरीन को दक्षिण चीन सागर की तरफ मोड़ दिया गया है
इसके अलावा जमीनी सीमा से जुड़े दुश्मनों की चीन से बढ़ती करीबी को देखते हुए अमेरिका ने बड़ा कदम उठाया है। ट्रंप को आशंका है कि, चीन के उकसावे और मदद से मेक्सिको अमेरिका के खिलाफ कदम उठा सकता है। अमेरिका को अस्थिर करने की कोशिश हो सकती है। इसलिए ट्रंप ने दक्षिणी सीमा पर सैन्य तैनाती बढ़ा दी है। टेक्सस में 50 M-1126 स्ट्राइकर वाहनों की तैनाती कर दी है। जिसका सीधा मतलब है कि, टैरिफ वॉर युद्ध की ओर बढ़ रहा है, जिसमें चीन ने पहल की है तो घेराबंदी करके जवाब देने के लिए अमेरिका भी तैयार है।

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