वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के खिलाफ ट्रेड वॉर छेड़ रखा है। जिसका असर चीन पर दिखना शुरू हो गया है। चीन की सरकारी मीडिया ने रविवार को एक ग्रामीण नीति दस्तावेज का हवाला देते हुए बताया कि अमेरिकी टैरिफ, आर्थिक मंदी और जलवायु परिवर्तन के मद्देनजर कृषि क्षेत्र को फिर से जिंदा करने और खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के कोशिशों के तहत चीन अपने कृषि क्षेत्र को मजबूत करेगा।
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य परिषद की सालाना ग्रामीण नीति ब्लूप्रिंट, जिसे ‘नंबर 1 दस्तावेज़’ के रूप में जाना जाता है, ने प्रमुख अनाज उत्पादक क्षेत्रों के लिए पुरस्कार और सब्सिडी स्कीम में सुधार करने और बायोटेक खेती के औद्योगीकरण को बढ़ावा देने की योजनाओं की रूपरेखा तैयार की है।
अमेरिका और यूरोपीय संघ से बढ़ सकता है विवाद
दुनिया के शीर्ष अनाज आयातक में अनाज उत्पादन पिछले साल 706.5 मिलियन मीट्रिक टन के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो 2023 से 1.6 फीसद ज्यादा है। नई नीति के दिशा निर्देश अमेरिका, यूरोपीय संघ और कनाडा के साथ कृषि व्यापार में संभावित रुकावटों का मुकाबला करने के लिए आत्मनिर्भरता और स्थिरता पर चीन के फोकस को और ज्यादा साफ करता है।
डेयरी सेक्टर पर भी खास ध्यान
इस नई नीति में GM और जीन-संपादित सोयाबीन, गेहूं, मक्का का उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान दिया गया है, लेकिन रोपण सीमित और बारीकी से नियंत्रित है और खेती की प्रगति और पैमाने अभी साफ नहीं हैं। दस्तावेज में कहा गया है कि चीन सुअर उत्पादन क्षमता की निगरानी और विनियमन करेगा और गोमांस और डेयरी मवेशी उद्योगों को भी बढ़ावा देगा करेगा, जबकि वित्तीय संस्थानों को ग्रामीण पुनरुद्धार के लिए बजट बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
ट्रंप के टैरिफ की पड़ी मार तो चीनी सरकार को याद आए खेत-खलिहान, ग्रामीण क्षेत्रों के लिए तैयार किया प्लान
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