नई दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली मेट्रो ने अपने फेज-4 विस्तार कार्य में इंजीनियरिंग का वह काम कर दिखाया है, जिसे विशेषज्ञ भी अभूतपूर्व मान रहे हैं। पुलबंगश स्थित पहले से परिचालित रेड लाइन के ठीक नीचे जहां रोजाना औसतन सात लाख यात्री सफर करते हैं डीएमआरसी ने बिना एक भी दिन ट्रेन सेवा रोके मैजेंटा लाइन के जनकपुरी पश्चिम–आरके आश्रम मार्ग एक्सटेंशन के लिए नई भूमिगत सुरंग का सफल निर्माण कार्य किया है।
डीएमआरसी के प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल ने बताया कि पुलबंगश सदर बाजार सेक्शन पर सुरंग निर्माण सबसे चुनौतीपूर्ण इंजीनियरिंग कार्यों में से एक था। क्योंकि ऊपर चल रही रेड लाइन का वायडक्ट बैलेंस्ड कैंटिलीवर स्पैन व ओपन फाउंडेशन पर आधारित है। ऐसे स्ट्रक्चर के नीचे खुदाई करते समय जरा सी गड़बड़ी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती थी, लेकिन डीएमआरसी इंजीनियरों की सतर्कता और विश्वस्तरीय मॉनिटरिंग सिस्टम ने इसे सफलतापूर्वक संभव बना दिया।
अनुज दयाल ने बताया कि रेड लाइन के पिलर को सुरक्षित रखने के लिए जमीन को पहले कृत्रिम रूप से मजबूत किया गया। इसके लिए ट्यूब-ए-मैनचेट नाम की उन्नत ग्राउटिंग टेक्नोलॉजी अपनाई गई थी। कुल 180 ट्यूब-ए-मैनचेट बोरहोल लगाए गए। हाई-स्ट्रेंथ सीमेंट ग्राउटिंग के जरिए मिट्टी को स्थिर किया गया, जिससे किसी भी तरह की मिट्टी धंसने की संभावना को खत्म किया गया। यह प्री-रिइंफोर्समेंट सुरंग निर्माण की सफलता की रीढ़ साबित हुआ।
सुरंग निर्माण के दौरान जमीन, पिलर और आसपास की इमारतों में होने वाली हलचल पर नजर रखने के लिए डीएमआरसी ने हाई-प्रिसीजन उपकरण लगाए, जिनमें सरफेस सेटलमेंट मार्कर,डीप इनक्लिनोमीटर, बिल्डिंग सेटलमेंट पॉइंट, पियर टिल्ट मीटर व लोड सेल, ऑटोमैटिक टोटल स्टेशन शामिल थे। साथ ही विशेषज्ञों की टीम 24 घंटे लगातार इनकी रीडिंग मॉनिटर करती रही और पूरे ऑपरेशन के दौरान सभी पैरामीटर सुरक्षित सीमा में पाए गए।
डीएमआरसी ने डाउनलाइन टनल का निर्माण पूरा कर लिया है। अप-लाइन पर भी उसी स्तर की सावधानी के साथ काम जारी है। यह उपलब्धि इसलिए भी विशेष है क्योंकि एक भी दिन रेड लाइन की सेवा बंद न होने देना इस परियोजना की पहली शर्त थी।
अनुज दयाल का कहना है कि दिल्ली मेट्रो ने यह दिखा दिया कि जटिल से जटिल परिस्थितियों में भी विश्वस्तरीय इंजीनियरिंग समाधानों के साथ सुरक्षित और निरंतर मेट्रो सेवाएं सुनिश्चित की जा सकती हैं। यह डीएमआरसी की तकनीकी क्षमता व इंजीनियरों के समर्पण का प्रतीक है।
यह उपलब्धि न सिर्फ दिल्ली मेट्रो के इतिहास में बल्कि भारत की शहरी परिवहन इंजीनियरिंग में भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर मानी जा रही है। डीएमआरसी ने साबित किया है कि आधुनिक तकनीक व सूक्ष्म योजना के साथ चलती लाइनों के नीचे भी बड़े पैमाने पर भूमिगत कार्य सुरक्षित रूप से पूरे किए जा सकते हैं।
दिल्ली मेट्रो की ऐतिहासिक इंजीनियरिंग उपलब्धि: चलती रेड लाइन के नीचे बिना सेवा रोके बनाई गई सुरंग

