घटती महंगाई और मजबूत वृद्धि के बीच आरबीआई अपनी आगामी मौद्रिक नीति बैठक में ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी केयरएज की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। बता दें कि वर्तमान रेपो दर 5.5 प्रतिशत है। इसमें कहा गया है कि अक्तूबर में मुद्रास्फीति घटकर दशक के निम्नतम स्तर 0.3 प्रतिशत पर आ गई है। यह आरबीआई के चार प्रतिशत के लक्ष्य से काफी नीचे है, जिससे ब्याज दरों में कटौती के लिए नीतिगत गुंजाइश बनी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थिर ब्रेंट क्रूड कीमतें, रबी की बुवाई को समर्थन देने वाले स्वस्थ जलाशय स्तर, व चीन में अतिरिक्त क्षमता से उत्पन्न होने वाले कम मूल्य दबाव जैसे कारकों से मंहगाई में किसी भी तीव्र वृद्धि को रोकने में मदद मिलेगी।
वहीं वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर बढ़कर 8.2 प्रतिशत हो गई है। केयरएज ने वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में इसमें लगभग 7 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है, क्योंकि अग्रिम निर्यात से मिलने वाली वृद्धि कम हो रही है और त्योहारों के बाद खपत कम हो रही है। पूरे वित्त वर्ष के लिए रिपोर्ट में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
इसमें कहा गया है कि अगले 12 महीनों में खुदरा मुद्रास्फीति औसतन 3.7 प्रतिशत के आसपास रहने की उम्मीद है। वर्तमान स्तर पर वास्तविक नीति दर लगभग 1.8 प्रतिशत होगी, जो अनुमानित तटस्थ सीमा 1 से 1.5 प्रतिशत से ऊपर है। यह दर में कटौती की गुंजाइश को दर्शाता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका के साथ लंबी व्यापार वार्ता और भू-राजनीतिक तनाव सहित बाहरी प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद भारत का बाहरी क्षेत्र मजबूत बना हुआ है और मध्य नवंबर तक विदेशी मुद्रा भंडार 27 अरब डॉलर बढ़कर 693 अरब डॉलर हो गया।
आरबीआई के आर्थिक अनुमानों में बदलाव की उम्मीद
केयरएज को उम्मीद है कि आरबीआई दिसंबर की नीति बैठक में वित्त वर्ष 2026 के मुद्रास्फीति अनुमानों को संशोधित कर लगभग 2.1 प्रतिशत और विकास पूर्वानुमान को लगभग 7.5 प्रतिशत कर देगा।

