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13 Dec 2025, Sat

भारत पर से 50% टैरिफ हटाएंगे डोनाल्ड ट्रंप? अमेरिका में इस तरह से बन रहा दबाव

वॉशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका लगातार भारत पर टैरिफ का चाबुक चला रहा है। अब भारत पर लगाए गए टैरिफ को लेकर अमेरिकी संसद में बगावत छिड़ गई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से राष्ट्रीय आपातकाल का हवाला देकर भारतीय प्रोडक्ट्स पर लगाए गए 50 फीसदी तक के शुल्क अब अमेरिकी संसद के निशाने पर आ गए हैं। अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के तीन डेमोक्रेट सांसदों ने भारतीय आयात पर भारी शुल्क लगाने के ट्रंप के फैसले को रोकने की पहल की है।
टैरिफ लगाने के फैसले को रोकने के लिए 3 डेमोक्रेट सांसदों ने प्रस्ताव पेश किया है। यह प्रस्ताव शुक्रवार को डेबोरा रॉस, टेक्सास के प्रतिनिधि मार्क वीजी और इलिनॉय के प्रतिनिधि राजा कृष्णमूर्ति ने पेश किया है।

इस प्रस्ताव का मकसद उस राष्ट्रीय आपातकालीन आदेश को खत्म करना है, जिसके तहत भारत से आने वाले कई प्रोडक्ट्स पर पहले 25 फीसदी और फिर अतिरिक्त 25 फीसदी सेकेंडरी ड्यूटी लगाकर कुल टैरिफ 50 फीसदी तक पहुंचा दिया गया था। यह टैरिफ अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्तियां अधिनियम के तहत लगाया गया था। प्रस्ताव का मकसद अब इसको खत्म करना है। इस प्रस्ताव के चलते अब सांसद राष्ट्रपति ट्रंप पर दबाव बना रहे हैं। ट्रंप के आदेश के तहत भारतीय प्रोडक्ट्स पर 1 अगस्त से 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया। इसके कुछ ही दिनों बाद अतिरिक्त 25 प्रतिशत का सेकेंडरी टैरिफ भी लगा दिया गया। इससे कई प्रोडक्ट्स पर कुल टैरिफ 50 प्रतिशत तक पहुंच गया।

व्हाइट हाउस ने कहा था कि भारत रूस से तेल खरीदता है इसी के चलते अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया है। अमेरिका का कहना है कि भारत के रूस से तेल खरीदने से अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन में मॉस्को के युद्ध प्रयासों को समर्थन मिलता है।

सांसदों का क्या है तर्क?
सांसदों का कहना है कि यह फैसला न तो अमेरिकी अर्थव्यवस्था के हित में है और न ही आम उपभोक्ताओं के लिए ही फायदेमंद है। टैरिफ को अवैध और अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदायक बताते हुए सांसदों ने कहा कि ये कदम अमेरिकी कामगारों, उपभोक्ताओं और अमेरिका-भारत के संबंधों को नुकसान पहुंचाते हैं।

कांग्रेसवुमन रॉस ने कहा, नॉर्थ कैरोलाइना की अर्थव्यवस्था, व्यापार, निवेश भारत से गहराई से जुड़ी है। उन्होंने बताया कि भारतीय कंपनियों ने उनके राज्य में 1 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है और खास तौर पर लाइफ साइंसेज और टेक्नोलॉजी क्षेत्रों में हजारों नौकरियां पैदा की हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि ये टैरिफ नौकरियों को खतरे में डालते हैं।

By Aryavartkranti Bureau

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