इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान इस समय मुस्लिम देश सऊदी के साथ दोस्ती बढ़ाने में लगा हुआ है। हाल ही में सऊदी के रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान ने रविवार को रियाद में पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर को किंग अब्दुलअजीज मेडल (फर्स्ट क्लास) दिया। SPA ने बताया कि यह पुरस्कार फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को किंग सलमान के शाही आदेश के तहत दिया गया। यह पदक सऊदीपाकिस्तानी दोस्ती को मजबूत करने, संयुक्त सहयोग को आगे बढ़ाने और दोनों देशों के बीच संबंधों के विकास में फील्ड मार्शल मुनीर की कोशिशों के सम्मान में दिया गया है। जहां एक तरफ सऊदी ने आसिम मुनीर को अवॉर्ड दिया गया है। वहीं, दूसरी तरफ देश में 2 पाकिस्तानियों को फांसी दी गई है।
सऊदी अरब में इस साल मौत की सजा पाने वालों की संख्या पिछले साल की तुलना में बढ़ गई है। आंकड़ों के अनुसार, इस साल अब तक कम से कम 347 लोगों को मौत की सजा सुनाई जा चुकी है, जबकि पिछले साल यह संख्या 345 थी। इसमें 2 पाकिस्तानियों को भी सजा-ए-मौत दी गई है।
2 पाकिस्तानियों को क्यों दी गई फांसी
ये आंकड़े ब्रिटेन स्थित संगठन रीप्राइव ने जारी किए हैं, जो सऊदी अरब में मृत्युदंड पर नजर रखता है। रीप्राइव का कहना है कि 2025 सऊदी अरब में फांसी के मामलों के लिहाज से अब तक का सबसे खूनी साल रहा है।
जानकारी के मुताबिक, देश में 2 पाकिस्तानियों को भी फांसी दी गई है। इन पाकिस्तानी नागरिकों पर नशीले पदार्थ को लेकर एक्शन लिया गया है। इन दोनों लोगों को सऊदी अरब की अदालतों ने नशीले पदार्थ अपने पास रखने (ड्रग्स रखने) के मामलों में दोषी ठहराया था। अदालत के फैसले के बाद उन्हें फांसी की सजा दी गई। हालांकि, यह दो पाकिस्तानी कौन है इनके नाम सामने नहीं आए हैं।
5 महिलाओं को भी मृत्युदंड
इस साल जिन लोगों को मौत की सज़ा सुनाई गई है, उनमें एक पत्रकार और दो युवा पुरुष भी शामिल हैं। इसके अलावा, 5 महिलाओं को भी मृत्युदंड दिया गया है। हालांकि, रीप्राइव के अनुसार, करीब दो-तिहाई लोगों को ऐसे ड्रग्स से जुड़े मामलों में दोषी ठहराया गया है, जिनमें किसी की जान नहीं गई थी। संयुक्त राष्ट्र ने ऐसे मामलों में मृत्युदंड को अंतरराष्ट्रीय मानदंडों और मानकों के खिलाफ बताया है।
इनमें से आधे से अधिक लोग विदेशी नागरिक थे, जिन्हें कथित तौर पर सऊदी अरब की ड्रग्स के खिलाफ जंग के तहत फांसी दी गई। कुछ दिन पहले, मिस्र के एक युवा मछुआरे, इस्साम अल-शाजल को सऊदी अरब में मौत की सज़ा सुनाई गई।
इस्साम अल-शाजली को 2021 में सऊदी अरब के तट के पास गिरफ्तार किया गया था और उस पर ड्रग्स तस्करी का आरोप लगाया गया था। ह्यूमन राइट्स वॉच ने मृत्युदंड के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल को लेकर गहरी चिंता जताई है। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के अनुसार, हाल के वर्षों में चीन और ईरान में सबसे ज्यादा लोगों को फांसी दी गई है।
कैसे दिया जाता है मृत्युदंड
संगठन रीप्राइव के मुताबिक, जिन लोगों को मौत की सजा सुनाई जाती है, उनके परिवारों को आमतौर पर पहले से कोई जानकारी नहीं दी जाती। न तो शव परिवार को सौंपे जाते हैं और न ही यह बताया जाता है कि उन्हें कहां दफनाया गया है।
सऊदी अधिकारी फांसी देने के तरीके की आधिकारिक जानकारी नहीं देते। हालांकि, माना जाता है कि वहां या तो सिर काटकर (सार्वजनिक रूप से) या फिर फायरिंग स्क्वॉड के जरिए सजा दी जाती है।

