महाकुम्भ नगर। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोमवार को कहा कि हाल ही में संपन्न महाकुंभ मेले से जुड़े प्रयागराज के निकट सात स्थानों पर गंगा जल की गुणवत्ता मेले के दौरान स्नान के लिए सभी मानकों को पूरा करती है। यादव लोकसभा में सपा सांसद आनंद भदौरिया और केरल से कांग्रेस सांसद के. सुधाकरन द्वारा मेले के दौरान पानी की गुणवत्ता पर पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे।
विपक्षी सांसदों द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए यादव ने कहा कि कमलेश सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य में एनजीटी के आदेश के अनुसरण में, सीपीसीबी ने 12 जनवरी, 2025 से संगम नोज (गंगा और यमुना के संगम बिंदु) सहित श्रृंगवेरपुर घाट (प्रयागराज के ऊपर) से दीहाघाट (प्रयागराज के नीचे) तक के खंड में सात स्थानों (सप्ताह में दो बार) पर नियमित जल गुणवत्ता निगरानी की, जिसमें ऐसे शुभ स्नान दिनों के पूर्व और बाद के दिनों सहित शुभ स्नान (अमृत स्नान) के दिन शामिल हैं।
एनजीटी ने निर्देश दिया था कि, “महाकुंभ 2025 के दौरान प्राथमिक जल गुणवत्ता मानदंडों को पूरा करने के लिए गंगा और यमुना नदी की जल गुणवत्ता की नियमित निगरानी लगातार अंतराल पर आवश्यक है”। यादव ने बताया कि सीपीसीबी ने एनजीटी के समक्ष 3 फरवरी को अपनी प्रारंभिक निगरानी रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें 12 से 26 जनवरी के दौरान एकत्र नदी जल गुणवत्ता के आंकड़ों की रिपोर्ट की गई, जिसमें प्रयागराज में स्थापित दस सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और सात जियोसिंथेटिक डिवाटरिंग ट्यूब (जियो-ट्यूब) फिल्टरेशन के निगरानी डेटा शामिल हैं।
इसके अलावा, सीपीसीबी ने जल गुणवत्ता डेटा की उपलब्धता बढ़ाने के लिए 21 फरवरी से तीन और जल गुणवत्ता निगरानी स्थानों को जोड़ा और निगरानी आवृत्ति को बढ़ाकर प्रतिदिन दो बार कर दिया, इस प्रकार जल गुणवत्ता निगरानी स्थानों की कुल संख्या 10 हो गई। उन्होंने कहा कि दिनांक 23.12.2024 के आदेश के अनुपालन में माननीय एनजीटी के समक्ष दिनांक 28.02.2025 को एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। उक्त रिपोर्ट के अनुसार, सभी निगरानी स्थानों के लिए पीएच, घुलित ऑक्सीजन (डीओ), बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) और फेकल कोलीफॉर्म (एफसी) का औसत मूल्य स्नान के पानी के लिए संबंधित मानदंड/अनुमेय सीमा के भीतर था।
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