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6 Feb 2025, Thu

बिना दस्तावेज़ के 7 लाख के करीब लोग अमेरिका में रह रहे हैं, ओवैसी ने किया दावा, सरकार उनके लिए क्या करेगी?

नई दिल्ली। अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे भारतीयों को 5 फरवरी को अमृतसर के श्री गुरुरामदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लैंडिंग की। इस बात की चर्चा देश के हर कोने में हुई। अमेरिकी सैन्य विमान सी 17 में 13 बच्चों समेत 104 अवैध प्रवासी सवार थे। अब इसको लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाए हैं। एआईएमआईएम प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि 2022 की प्यू रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में भारत के 6 लाख 75 हज़ार लोग बिना दस्तावेज़ के रह रहे हैं। ये लोग जब यहां आएंगे तब सरकार उनके लिए क्या करेगी, ये इन्हें देश को बताना पड़ेगा। वहीं कांग्रेस ने भी इसको लेकर सवाल उठाए हैं। अमेरिका से अवैध प्रवासियों को वापस भेजे जाने के बीच कांग्रेस ने कहा कि भारतीय नागरिकों को हथकड़ी लगाकर और अपमानित करके निर्वासित किए जाने की तस्वीरें दुखद हैं।
अमेरिकी सैन्य विमान सी 17 में 13 बच्चों समेत 104 अवैध प्रवासी सवार थे। इनमें 79 पुरुष और 25 महिलाएं हैं। जिस वक्त ये विमान अमृतसर में लैंड हुआ इस वक़्त इसे रिसीव करने के लिए अमृतसर के पुलिस कमिश्नर और केंद्रीय गृह मंत्रालय की टीम के बड़े अधिकारी मौजूद थे। विमान में सवार होकर अमेरिकी सेना के 40 जवान भी भारत आये हैं। अब जांच एजेंसियां इन सभी लोगों का पूरा पोर्टफोलियो चेक करेगी। डिपोर्ट किए गए लोग जिन राज्यों से हैं उसके बारे में पुलिस से जानकारी मांगी गई है।
अमेरिका से प्रवासी भारतीयों को निर्वासित किए जाने के मुद्दे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर राज्यसभा में दो बजे बयान देंगे।

संसदीय कार्यमंत्री किरेन रीजीजू ने राज्यसभा में यह जानकारी दी। इससे पहले, विपक्षी दलों के सदस्यों ने इस मुद्दे पर राज्यसभा में जमकर हंगामा किया था जिसकी वजह से उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होने के कुछ ही देर बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। इस वजह से सदन में शून्यकाल नहीं हो सका था। सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि नियम 267 के तहत एक मुद्दा उठाया गया और कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी ने उनसे कक्ष में मुलाकात भी की। उन्होंने बताया कि यह मुद्दा अमेरिका से भारतीयों को निर्वासित किए जाने का है। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री सदन में आज बयान देंगे। स्थिति को देखते हुए मैं सदस्यों को हस्तक्षेप का कुछ अवसर दूंगा। विदेश मंत्री इसके लिए सहमत हो गए हैं।

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