कानपुर। उत्तर प्रदेश विधानसभा एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रही है, जो इसे देश की पहली ऐसी विधानसभा बनाएगा। विधानसभा में विधायकों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की ट्रेनिंग दी जाएगी। ये फैसला विधायकों के कामकाज को और अधिक प्रभावी, पारदर्शी और तकनीकी रूप से बेहतर बनाने के लिए लिया गया है। विधायकों को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर के प्रोफेसर ट्रेनिंग देंगे। विधायकों की ट्रेनिंग की क्लास अगस्त में मानसून सत्र के बीच या अंत में लगेगी। इसके लिए विशेष एआई सत्र का आयोजन किया जाएगा। उत्तर प्रदेश विधानसभा सचिवालय ने भविष्य में विशेष एआई सहायता इकाइयों के गठन की योजना बनाई है। ये इकाइयां विधायकों को कानूनी अनुसंधान, दस्तावेजों की जांच और नीतिगत अध्ययनों में तकनीकी सहायता प्रदान करेंगी। इसके साथ ही, विधायकों और उनके कर्मचारियों के लिए नियमित कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा, ताकि वे एआई उपकरणों का उपयोग करने में दक्ष हो सकें।
इस प्रशिक्षण में विधायकों को एआई उपकरण से बिल ड्राफ्टिंग, कानूनी समस्याओं की पहचान और अन्य राज्यों या देशों के कानूनों की तुलना में सहायक होंगे। एआई विधायकों की संपत्तियों या हितों से संबंधित टकरावों का विश्लेषण कर सकता है। सोशल मीडिया, सर्वेक्षण और याचिकाओं के जरिए एआई नागरिकों की राय को समझने में मदद करेगा।
इससे प्रस्तावित कानूनों के सामाजिक और आर्थिक प्रभावों का पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा। पुराने दस्तावेजों, बहसों और रिपोर्टों को AI के जरिए खोज योग्य बनाया जाएगा। भाषणों और दस्तावेजों का विभिन्न भारतीय भाषाओं में त्वरित अनुवाद संभव होगा। एआई डैशबोर्ड के माध्यम से सरकारी परियोजनाओं की प्रगति और खर्च की रियल-टाइम निगरानी की जा सकेगी। IIT कानपुर के प्रोफेसर इस प्रशिक्षण में अहम भूमिका निभाएंगे। वे विधायकों को AI की तकनीकी बारीकियों और इसके व्यावहारिक उपयोगों से परिचित कराएंगे। विधानसभा सचिवालय का कहना है कि यह पहल न केवल विधायकों के कार्यों को आसान बनाएगी, बल्कि नीति निर्माण और कानून बनाने की प्रक्रिया को भी अधिक प्रभावी और डेटा-आधारित बनाएगी।
यूपी के विधायकों की लगेगी क्लास, आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर देंगे ट्रेनिंग, AI से लैस होगी विधानसभा
