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14 Oct 2025, Tue

बंपर डिस्काउंट के बाद भी ‘जीरो’ पर अटकी सुई, इन 5 गािड़यों को सितंबर में नहीं मिला एक भी खरीदार

22 सितंबर से जीएसटी की नई दरें लागू होने के बाद जहां भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में रौनक लौट आई है, वहीं कुछ गाड़ियां ऐसी भी हैं जो ग्राहकों के लिए तरस रही हैं। एक तरफ जहां लोकप्रिय मॉडलों की बिक्री में जबरदस्त उछाल है, वहीं मारुति सुजुकी, निसान, किआ और सिट्रोएन जैसी बड़ी कंपनियों के पांच मॉडल ऐसे भी हैं, जिनकी सितंबर 2025 में एक भी यूनिट नहीं बिकी।
यह रिपोर्ट उन मॉडलों पर प्रकाश डालती है जो अपनी ऊंची कीमत, सीमित नेटवर्क या बाजार की बदलती प्राथमिकताओं के कारण कंपनियों और डीलरों के लिए बोझ बनते जा रहे हैं।
किआ
किआ ने इस साल मार्च में अपनी प्रीमियम इलेक्ट्रिक SUV, EV6 का फेसलिफ्ट मॉडल 65.90 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) में लॉन्च किया था। इसे विदेश से सीधे आयात करके बेचा जाता है। कंपनी इस पर भारी छूट भी दे रही है, लेकिन इसकी ऊंची कीमत और सिर्फ एक वेरिएंट में उपलब्ध होना ग्राहकों को दूर रख रहा है, जिसके चलते सितंबर में इसका खाता भी नहीं खुल सका।
मारुति सुजुकी सियाज
मारुति ने अपनी इस लोकप्रिय सेडान का प्रोडक्शन इसी साल मार्च में बंद कर दिया था, लेकिन डीलरों के पास अभी भी इसका स्टॉक मौजूद है। भारत में सेडान कारों की घटती मांग का असर सियाज पर साफ दिखा और सितंबर में इस गाड़ी को एक भी खरीदार नहीं मिला। यह गाड़ी अब इतिहास बनने की कगार पर है।
निसान एक्स-ट्रेल
निसान ने अपनी इस प्रीमियम एसयूवी को 49.92 लाख रुपये की भारी-भरकम कीमत पर लॉन्च किया था। सीबीयू रूट से आने और सीमित संख्या में (केवल 150 यूनिट्स) आयात होने के कारण यह गाड़ी कभी भी बाजार में अपनी पकड़ नहीं बना पाई। सितंबर में इसकी भी एक भी यूनिट नहीं बिकी। आलम यह था कि इस साल की शुरुआत में एक डीलरशिप इस पर 20 लाख रुपये से ज्यादा की छूट दे रही थी।
किआ
1.30 करोड़ रुपये (एक्स-शोरूम) की कीमत वाली किआ की यह सबसे महंगी इलेक्ट्रिक एसयूवी भी ग्राहकों को लुभाने में नाकाम रही है। इसे भी सीधे ायात किया जाता है, जिससे इस पर टैक्स बहुत ज्यादा लगता है। इस सेगमेंट में ग्राहक आमतौर पर मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू और ऑडी जैसे स्थापित लग्जरी ब्रांड्स को पसंद करते हैं, जिस वजह से किआ की यह शानदार गाड़ी भी शोकेस में ही खड़ी रह गई।
सिट्रोएन सी5 एयरक्रॉस
फ्रांसीसी कार निर्माता सिट्रोएन की इस एसयूवी की सबसे बड़ी कमजोरी इसका सीमित सेल्स और सर्विस नेटवर्क रहा है। इसके अलावा, हुंडई क्रेटा और किआ सेल्टोस जैसे प्रतिस्पर्धी मॉडलों की तुलना में फीचर्स की कमी ने भी इसकी बिक्री को प्रभावित किया। इन्हीं कारणों से सितंबर 2025 में इस गाड़ी को एक भी खरीदार नहीं मिल सका।

By Aryavartkranti Bureau

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