नई दिल्ली। इंडिगो संकट के कारण देशभर में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा था। हालांकि अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ सरकार और डीजीसीए लगातार इंडिगो पर एक्शन ले रही है। पहले 10 प्रतिशत उड़नों को कम किया गया। इसके साथ ही गुरुवार को डीजीसीए ने इंडिगो एयरलाइंस के सीईओ को तलब किया था। इसमें कुछ इंस्पेक्टर दोषी पाए गए हैं, जिन पर एक्शन लिया गया है।
इंडिगो मामले में डीजीसीए ने प्रारंभिक जांच में कुछ इंस्पेक्टर को दोषी पाया है। ये इंस्पेक्टर ऑपरेशनल काम देखते थे। इंडिगो एयरलाइंस के ऑपरेशन संचालन में आई दिक्कत पर डीजीसीए का बड़ी कार्रवाई की है। DGCA ने इंडिगो की निगरानी करने वाले 4 फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टरों को नौकरी से हटा दिया है।
ये सभी इंस्पेक्टर इंडिगो की उड़ानों की सुरक्षा और संचालन की जांच देखते थे। माना जा रहा है कि जांच और निगरानी में हुई लापरवाही की वजह से यह सख्त कदम उठाया गया है। सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि ऐसी कार्रवाई की जाएगी जो मिसाल बनेगी। जिन अधिकारियों की गई है, वे सभी कॉन्ट्रैक्ट पर DGCA में काम कर रहे थे।
दिल्ली हाईकोर्ट ने भी जताई थी नाराजगी
इंडिगो संकट पर बीते दिन गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने सरकार और एयरलाइंस को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने पूछा था कि जब एयरलाइन फेल हो गई थी, तब सरकार ने क्या किया? फ्लाइट्स की टिकट की कीमतें ₹4-5 हजार से बढ़कर ₹30 हजार तक कैसे पहुंच गईं? अगर यह संकट था, तो दूसरी एयरलाइंस को इसका फायदा उठाने की इजाजत कैसे दी गई? बेंच ने कहा है कि सरकार को सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में इस तरह की स्थिति दोबारा न पैदा हो।
इंडिगो पर सरकार का एक्शन
दूसरी तरफ इंडिगो संकट से परेशान यात्रियों को इंडिगो ने बैलेंस वाउचर देने का ऐलान किया है। ये 10 हजार रुपये का वाउचर यात्री एक साल तक इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें भी खास बात यह है कि ये वाउचर केवल 3 और 4 दिसंबर वाले यात्रियों को ही दिया जाएगा। सरकार ने इंडिगो पर एक्शन लेते हुए उसकी 10% फ्लाइट्स घटाने का आदेश दिया था। यह कटौती हाई-डिमांड और हाई-फ्रीक्वेंसी वाले रूट्स पर की जाएगी। इससे रोजाना चलने वाली 2300 में से करीब 230 फ्लाइट्स कम हो जाएंगी। सरकार की यह कार्रवाई इंडिगो के लिए बड़ा सबक मानी जा रही है।

