नई दिल्ली। पिछले एक दशक में दुनियाभर में कई प्रकार की संक्रामक बीमारियों का प्रकोप देखा गया है। कोरोनावायरस हो या कई अन्य जूनोटिक बीमारियां, इन सभी के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर काफी दबाव बढ़ा है। हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन दिनों अमेरिका के कई प्रांतों में बर्ड फ्लू वायरस का प्रकोप देखा जा रहा है।
खबरों के मुताबिक वाशिंगटन में बर्ड फ्लू के एक दुर्लभ स्ट्रेन (H5N5) के कारण पहली मौत दर्ज की गई है। इस खबर ने इंसानों के लिए घातक माने जाने वाले बर्ड फ्लू को लेकर लोगों के मन में फिर से डर बढ़ा दिया है, हालांकि राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि इससे ज्यादा चिंता की जरूरत नहीं है।
वाशिंगटन स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ द्वारा शुक्रवार को जारी अपडेट के मुताबिक, बर्ड फ्लू संक्रमण कारण मरने वाले व्यक्ति की उम्र ज्यादा थी और वह पहले से ही कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार था। अधिकारियों ने कहा, मृतक पोल्ट्री के संपर्क में रहता था, संभवत: यहीं से वह संक्रमित हुआ है। कोमोरबिडिटी का शिकार होने के कारण संक्रमण ने गंभीर रूप ले लिया जिससे उसकी मौत हो गई।
गौरतलब है कि इससे पहले इस साल के शुरुआती महीनों में भी कई देशों में बर्ड फ्लू के मामले तेजी से बढ़े थे।
बर्ड फ्लू के नए स्ट्रेन से पहली मौत
हालिया मामले में वाशिंगटन में संक्रमण से हुई मौत के बाद राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा, इससे लोगों के लिए खतरा कम है। मृतक व्यक्ति के करीबी संपर्क में आए सभी व्यक्तियों पर नजर रखी जा रही है। अब तक लोगों के बीच इस वायरस के फैलने का कोई संकेत नहीं है।
इस महीने की शुरुआत में, सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने बर्ड फ्लू के बारे में एक बयान जारी किया था जिसमें कहा गया था कि नए स्ट्रेन्स को लेकर अध्ययनों में ऐसे कोई संकेत नहीं मिले हैं जिससे माना जाए कि ये इंसानों के लिए खतरनाक है।
H5N5 वैरिएंट कितना खतरनाक?
मेडिकल रिपोर्ट्स में H5N5 वैरिएंट को अब तक फैलने वाले बर्ड फ्लू (H5N1) से ज्यादा खतरनाक नहीं पाया गया है। H5N1 की वजह से 2024 से 2025 के बीच अकेले अमेरिका में 70 लोगों में संक्रमण के मामले सामने आए थे। इनमें से ज्यादातर डेयरी और पोल्ट्री फार्म पर काम करने वाले लोग थे, हालांकि इनमें भी बीमारियां बहुत हल्के स्तर की थीं।
रिपोर्ट्स से पता चलता है कि H5N5 और H5N1 के बीच एक प्रोटीन में अंतर है जो इन्फेक्टेड सेल से वायरस को रिलीज करने और आस-पास के सेल में फैलने में मदद करता है। इसका इंसानों पर किस प्रकार का असर हो सकता है, इसे समझने के लिए अभी भी वैज्ञानिकों की टीम अध्ययन कर रही है।
बर्ड फ्लू का स्ट्रेन D1.1
एवियन इन्फ्लूएंजा जिसे बर्ड फ्लू के नाम से भी जाना जाता रहा है, इसका इंसानों में संक्रमण दुर्लभ माना जाता रहा है। पर पिछले कुछ वर्षों में ये वायरस न सिर्फ इंसानों को संक्रमित कर रहा है बल्कि इसके कारण कई स्थानों पर मौत के मामले भी सामने आए हैं।
अमेरिकी कृषि विभाग के अधिकारियों ने 5 फरवरी 2025 को बताया था कि नेवादा स्टेट में कई मवेशी एक नए प्रकार के बर्ड फ्लू D1.1 से संक्रमित पाए गए, जो अब तक अमेरिका में फैल रहे वैरिएंट से अलग थे। शुरुआती अध्ययनों में इसकी प्रकृति काफी खतरनाक पाई गई थी जिसमें संभावित रूप से महामारी का कारण बनने की क्षमता हो सकती है।
गाय-चूहों में भी देखा गया संक्रमण
एच5एन1 वायरस या बर्ड फ्लू के कारण कई प्रकार की स्वास्थ्य जटिलताओं का खतरा हो सकता है। बर्ड फ्लू को आमतौर पर मुर्गियों और पक्षियों में संक्रमण फैलाने वाला माना जाता रहा है, हालांकि पिछले कुछ वर्षों में इससे पहली बार गायों, इंसानों को भी संक्रमित देखा गया है। फरवरी 2025 में पहली बार चूहों में भी इससे संक्रमण की पुष्टि की गई थी।
अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) के एनिमल एंड प्लानेट इंस्पेक्शन सर्विस ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि पहली बार चूहे इस संक्रामक रोग की चपेट में आए हैं। चूहे घरों में भी मौजूद होते हैं, ऐसे में इसके कारण इंसानों के संक्रमित होने का जोखिम बढ़ सकता है।

