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21 Nov 2024, Thu

हार के बाद पहली बार जनता के सामने आईं कमला हैरिस, बोलीं- चुनाव हारी हूं, लड़ाई नहीं

वॉशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लगभग नतीजे सामने आ चुके हैं। सिर्फ एक यो दो ही क्षेत्रों में वोटों की गिनती जारी है। ट्रंप ने एक बार फिर बड़ी जीत हासिल की है। वहीं कमला हैरिस को हार का सामना करना पड़ा। हार के बाद हैरिस ने हावर्ड यूनिवर्सिटी से जनता को संबोधित किया। उनके बोलने से पहले कई घंटो पहले ही भारी संख्या में लोग वहां पहुंच चुके थे। इस दौरान उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने अमेरिका के राष्ट्रपति बनने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप के सामने अपनी चुनावी हार स्वीकार की।
इसके साथ ही उन्होंने एक भावुक और संकल्पपूर्ण भाषण दिया। अपनी हार स्वीकार करते हुए उन्होंने कहा, मैं इस चुनाव में अपनी हार स्वीकार करती हूं, लेकिन ये लड़ाई और अभियान नहीं हारी हूं, लोगों की स्वतंत्रता, अवसर, समानता और सभी लोगों की गरिमा के लिए ये संघर्ष ऐसे ही जारी रहेगा। हैरिस ने आगे कहा कि उन्होंने पहले कभी सोचा नहीं था कि वे एक बड़ी राजनीतिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बन सकती हैं।
आंसुओं में डूबे नजर आएं समर्थक
कमला हैरिस के इस भाषण में कई महिला समर्थकों को आंसुओं में डूबे हुए देखा गया। हैरिस ने अपनी हार के बावजूद उम्मीद और संघर्ष की बात की, और देशवासियों से यह अपील की कि वे लोकतंत्र के सिद्धांतों को मान्यता दें और चुनाव के परिणामों को स्वीकार करें। उन्होंने कहा कि यह अमेरिकी लोकतंत्र का मूल सिद्धांत है कि जब हम चुनाव हारते हैं, तो हमें परिणामों को स्वीकार करना चाहिए। यही लोकतंत्र को राजशाही या तानाशाही से अलग करता है।
युवाओं को दिया ये संदेश
वहीं युवाओं को लेकर उन्होंने कहा कि आपमें दुनिया में असाधारण अच्छाई करने की क्षमता है। जब तक हम लड़ते रहेंगे, तब तक हम जीत सकते हैं। यह वक्त निराश होने का नहीं, बल्कि अपने हाथों को ऊपर करके काम करने का है। उन्होंने अपने समर्थकों को समझाया कि चुनाव हारने का मतलब यह नहीं है कि वे अपने संघर्ष में असफल हुए हैं, बल्कि यह समय और मेहनत करने का है। हैरिस ने यह भी बताया कि उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप को हार स्वीकार कर उन्हें बधाई दी थी और यह भी सुनिश्चित किया था कि सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण किया जाएगा। अपने भाषण में उन्होंने यह भी कहा कि हमारे प्रयासों से दुनिया को बेहतर बनाना ही हमारी असली जीत है। वह बार-बार युवाओं को यह संदेश देती रहीं कि हार का मतलब यह नहीं है कि हमें अपने संघर्ष को छोड़ना होगा।

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