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23 Dec 2025, Tue

दुनिया के लिए खतरा है मेड इन चाइना, राहुल गांधी ने बताया लोकतंत्र के लिए प्रोडक्शन क्यों जरूरी

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जर्मनी में एक कार्यक्रम में बोलते हुए दावा किया कि भारत और पश्चिम ने सामान का प्रोडक्शन चीन को सौंप दिया है। राहुल गांधी ने कहा कि ‘मेड इन चाइना’ सामान ने लोकतंत्रों में रोजगार पैदा करने की क्षमता को कमजोर कर दिया है, जिससे भारत, अमेरिका और यूरोप में राजनीतिक उथल-पुथल बढ़ रही है।
जर्मनी के बर्लिन में हर्टी स्कूल में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने लोकतांत्रिक माहौल में प्रोडक्शन की बात कही, और तर्क दिया कि सामान का प्रोडक्शन करके लोकतंत्र को बनाए रखने की जरूरत है। राहुल गांधी ने कहा, “पश्चिम और कुछ हद तक भारत ने प्रोडक्शन चीनियों को सौंप दिया है। आज प्रोडक्शन पर चीन का दबदबा है, जिसका मतलब है कि बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार देना मुश्किल है।
लोकतंत्र बनाए रखने के लिए खुद का प्रोडक्शन जरूरी- राहुल गांधी
भारत, अमेरिका और जर्मनी जैसे देश अपने रोजगार सिस्टम को सर्विसिस पर आधारित नहीं कर सकते। इस बदलाव में लोकतंत्र कैसे प्रोडक्शन करते हैं? कौन से मॉडल जरूरी हैं, आप लोकतांत्रिक माहौल में प्रोडक्शन के बारे में कैसे सोचते हैं और भारत, अमेरिका और यूरोप प्रोडक्शन के लिए किस तरह की पार्टनरशिप बना सकते हैं? अगर हम प्रोडक्शन नहीं कर पाएंगे तो लोकतंत्र के लिए खुद को बनाए रखना बहुत मुश्किल हो जाएगा। ” राहुल ने आगे कहा, “यूरोप, भारत और अमेरिका में जो उथल-पुथल हम देख रहे हैं, उसकी एक बड़ी वजह यह है कि हम अपने लोगों को नौकरियां नहीं दे पा रहे हैं और ऐसा इसलिए है क्योंकि हमने कहा, चीन तुम दुनिया के लिए प्रोडक्शन करो। ”
“क्षमता, लागत ढांचा और आबादी के बाद भारत में चीन से आ रहा सामान”
राहुल गांधी ने भारत में बिक रहे ‘मेड इन चाइना’ सामान का मुद्दा उठाया और कहा कि भारत सरकार के पास सामान बनाने के लिए क्षमता, लागत ढांचा और आबादी है, लेकिन उसने अभी तक ऐसा नहीं किया है। उन्होंने कहा, “आप जो कुछ भी देखते हैं, वह चीन में बना है और यह कम से कम भारत जैसे देश के लिए एक समस्या है।
मैन्युफैक्चरिंग मज़बूत अर्थव्यवस्थाओं की रीढ़- राहुल गांधी
17 दिसंबर को जर्मनी के म्यूनिख में BMW वर्ल्ड म्यूजियम का दौरा करते हुए राहुल ने कहा था कि मैन्युफैक्चरिंग मज़बूत अर्थव्यवस्थाओं की रीढ़ है। उन्होंने आगे कहा कि दुख की बात है कि भारत में मैन्युफैक्चरिंग घट रही है। विकास को तेज करने के लिए, हमें ज्यादा उत्पादन करने की ज़रूरत है। सार्थक मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम बनाने और बड़े पैमाने पर उच्च-गुणवत्ता वाली नौकरियां पैदा करने की ज़रूरत है।

By Aryavartkranti Bureau

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