नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के अनेक दल लगातार भारतीय संविधान का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद भी इसको दोबारा वापस लाने के लिए कांग्रेस गठबंधन के द्वारा जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में प्रस्ताव पास करना देश को तोड़ने की मानसिकता दिखाता है। इस अनुच्छेद के निरस्त होने से जम्मू-कश्मीर के दलितों-आदिवासियों को आरक्षण सहित अनेक अधिकार मिले हैं, लेकिन इसे वापस लाने की इंडिया गठबंधन की सोच दलितों-आदिवासियों के विरुद्ध है।
इस मुद्दे का महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों पर भी असर पड़ सकता है, क्योंकि इन राज्यों में आदिवासियों की बड़ी संख्या निवास करती है। झारखंड में भाजपा गठबंधन और जेएमएम गठबंधन लगातार आदिवासी समुदाय पर दांव लगाए हुए हैं।
प्रस्ताव देश की एकता के विरुद्ध
स्मृति ईरानी ने गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि यह प्रस्ताव देश की एकता के विरुद्ध है। इस अनुच्छेद की समाप्ति के बाद जम्मू-कश्मीर में विकास की एक नई धारा बही है। महिलाओं और आदिवासियों के जीवन स्तर में वृद्धि हुई है, लेकिन धारा 370 को वापस लाने की बात करना महिलाओं के भी विरुद्ध है।
विकास के एजेंडे को भ्रमित करने की कोशिश
भाजपा नेत्री का आरोप है कि इस प्रस्ताव में आम जनों को जो अधिकार देने की बात कही है, वे पहले ही जम्मू-कश्मीर में लोगों को दी जा चुकी हैं। इसके बाद भी इस तरह का प्रस्ताव लाना विकास के एजेंडे को भ्रमित करने की कोशिश है। बीजेपी ने विपक्ष के इंडिया गठबंधन के नेताओं को महाराष्ट्र और झारखंड में भी इस मुद्दे को उठाने की चुनौती दी है।