नई दिल्ली। राहुल गांधी ने बुधवार को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कुलियों से हुई मुलाकात का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया। उन्होंने कहा कि पिछले महीने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ के दौरान कुलियों ने अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की मदद की, लेकिन उनकी आवाज सुनने वाला कोई नहीं है। वे आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं। हम उनके अधिकारों के लिए लड़ेंगे।
अपने यूट्यूब चैनल पर कुलियों से बातचीत का वीडियो साझा करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कुछ दिन पहले मैं नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचा और वहां कुली भाइयों से मिला। उन्होंने मुझे बताया कि कैसे सभी ने मिलकर भगदड़ वाले दिन लोगों की जान बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया। राहुल गांधी ने कहा कि चाहे लोगों को भीड़ से निकालने की बात हो या घायलों को एंबुलेंस और प्रशासन तक पहुंचाना हो। मृतकों के शवों को बाहर निकालने के लिए शारीरिक क्षमता, ठेले का उपयोग करना हो या अपनी जेब से पैसा खर्च करना हो, उन्होंने हर तरह से यात्रियों की मदद की।
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि मैं दिहाड़ी मजदूरी करने आने वाले इन भाइयों की संवेदना देखकर प्रभावित हूं। वे वित्तीय कठिनाइयों में जी रहे हैं, लेकिन उनमें जोश और सद्भावना की कमी नहीं है। उन्हें मदद की जरूरत है। उन्होंने अपनी मांगें बताई हैं। मैं निश्चित रूप से उनकी मदद के लिए हर संभव प्रयास करूंगा।
एक्स पर पोस्ट में कांग्रेस नेता ने एक कुली के हवाले से कहा कि किसी-किसी दिन खाने के भी पैसे नहीं होते। हर घर पर पैसे भेजें या खाना खाएं। हमारे कुली भाई ऐसी ही कठिनाइयों में जीने को मजबूर हैं। मैं उनकी मांगों को सरकार के समक्ष रखूंगा और हम अधिकारों के लिए पूरी ताकत से लड़ेंगे। राहुल गांधी ने रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ के दौरान लोगों की जान बचाने और राहत कार्य में मदद करने के लिए कुलियों का धन्यवाद किया। वीडियो में कुली गांधी से कह रहे हैं कि उनकी मांग है कि उन्हें ग्रुप डी की नौकरी मिले।
15 फरवरी को मची थी भगदड़
15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई थी। स्टेशन पर महाकुंभ जाने वाले लोगों की भारी भीड़ थी साथ ही अन्य यात्री भी थे। दो ट्रेनों के लेट होने के चलते भीड़ नियंत्रण से बाहर हो गई और भगदड़ मच गई।
राहुल गांधी ने बताया कुलियों का दर्द, कहा- भगदड़ में जान बचाने वालों की आवाज नहीं सुनी जा रही
