वॉशिंगटन, एजेंसी। यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की कोशिशों के बीच हालात और ज्यादा तनावपूर्ण हो गए हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की की प्रस्तावित अहम बैठक से ठीक पहले रूस ने कीव और यूक्रेन के कई इलाकों पर मिसाइलों और ड्रोन से जोरदार हमला किया।
इन हमलों ने साफ संकेत दे दिया है कि शांति की राह अभी भी बेहद मुश्किल और खतरों से भरी हुई है। शनिवार सुबह कीव में जोरदार धमाकों की आवाजें सुनी गईं। यूक्रेन की वायु रक्षा प्रणाली तुरंत सक्रिय हो गई और आसमान में रूसी मिसाइलों और ड्रोन को मार गिराने की कोशिश शुरू हुई।
यूक्रेन में जारी हुआ रेड अलर्ट
यूक्रेनी वायुसेना के मुताबिक, रूस ने राजधानी कीव के साथ-साथ देश के उत्तर-पूर्वी और दक्षिणी इलाकों को भी निशाना बनाया। सुबह 8 बजे तक हमले जारी थे और राजधानी में एयर रेड अलर्ट लागू रहा। कीव प्रशासन के अनुसार, इन हमलों में कम से कम आठ लोग घायल हुए हैं। इससे एक दिन पहले रूस ने यूक्रेन के ऊर्जा ढांचे और दक्षिणी ओडेसा क्षेत्र पर भी हमले तेज कर दिए थे।
ट्रंप-जेलेंस्की बैठक से पहले बढ़ा दबाव
इन हमलों का समय बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि रविवार को जेलेंस्की की डोनाल्ड ट्रंप से फ्लोरिडा में मुलाकात होनी है। जेलेंस्की ने कहा है कि इस बैठक में युद्ध रोकने के बाद किन इलाकों पर किसका नियंत्रण होगा, यही सबसे बड़ा मुद्दा रहेगा। यूक्रेनी राष्ट्रपति के मुताबिक, अमेरिका की अगुवाई में तैयार किए जा रहे 20 बिंदुओं वाले शांति प्रस्ताव का करीब 90 प्रतिशत हिस्सा तैयार हो चुका है। उन्होंने यह भी संकेत दिए कि नए साल से पहले कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं।
जमीन और सुरक्षा गारंटी सबसे बड़ी अड़चन
जेलेंस्की का कहना है कि शांति समझौते में सबसे बड़ा रोड़ा जमीन का बंटवारा है। रूस चाहता है कि यूक्रेन पूर्वी डोनबास क्षेत्र से पीछे हटे, जबकि कीव मौजूदा मोर्चों पर ही युद्धविराम चाहता है। इसके अलावा सुरक्षा गारंटी भी बड़ा मुद्दा है। जेलेंस्की ने कहा कि अमेरिका ने 15 साल की सुरक्षा गारंटी का प्रस्ताव दिया है, लेकिन यूक्रेन इससे ज्यादा मजबूत और कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौता चाहता है ताकि भविष्य में रूस दोबारा हमला न कर सके।

