नई दिल्ली, एजेंसी। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे का आज दूसरा दिन है। आज के कार्यक्रम के तहत रूसी राष्ट्रपति आज राष्ट्रपति भवन पहुंचे, जहां उनका औपचारिक स्वागत किया गया। इसके बाद पुतिन राजघाट पहुंचे और राष्ट्रपति महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद दोनों नेताओं की हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय बैठक हुई। पुतिन आज भारत के उद्योगपतियों से भी मुलाकात करेंगे और दोनों देशों में निवेश और व्यापार बढ़ाने से जुड़ी संभावनाएं तलाशेंगे।
‘रणनीति साझेदारी को मजबूत बनेगी’
पुतिन ने कहा, ‘हमारा देश पिछली आधी सदी से भारतीय सेना को हथियार देने और आधुनिक बनाने में मदद कर रहा है, जिसमें एयर डिफेंस फोर्स, एविएशन और नेवी शामिल हैं। हम अभी हुई बातचीत के नतीजों से बेशक खुश हैं… मैं भरोसा जता सकता हूं कि मौजूदा दौरा और हुए समझौते हमारे देशों और लोगों, भारत और रूस के लोगों के फायदे के लिए रूसी-भारत की रणनीतिक साझेदारीको और गहरा करने में मदद करेंगे।’
‘हम भारतीय दोस्तों को हर जरूरी मदद देंगे’
पुतिन ने कहा, ‘रूस और भारत ब्रिक्स, एससीओ और दुनिया के दूसरे ज़्यादातर देशों में एक जैसी सोच वाले देशों के साथ आजाद और आत्मनिर्भर विदेश नीति अपना रहे हैं। हम UN में दिए गए कानून के मुख्य सिद्धांत का बचाव कर रहे हैं। ब्रिक्स के संस्थापक देशों के तौर पर, रूस और भारत ने संगठन की अथॉरिटी बढ़ाने के लिए बहुत कुछ किया है और आगे भी करते रहेंगे। जैसा कि आप जानते हैं, अगले साल भारत ब्रिक्स की अध्यक्षता संभालेगा। हम अपने भारतीय दोस्तों को हर जरूरी मदद देंगे।’
‘भारत को ईंधन की आपूर्ति करता रहेगा रूस’
राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए आपका शुक्रिया। बातचीत सकारात्मक और मैत्रीपूर्ण माहौल में हुई। मेरे और प्रधानमंत्री मोदी के बीच नियमित तौर पर फोन पर बातचीत होती रहती है। हम भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रगति के लिए सभी तरह के ईंधन की निर्बाध आपूर्ति जारी रखने के लिए तैयार हैं। रूस भारत के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र के निर्माण में भी मदद कर रहा है। दोनों देश भुगतान के निराकरण के लिए धीरे-धीरे अपनी-अपनी राष्ट्रीय मुद्रा के इस्तेमाल की ओर भी बढ़ रहे हैं। हम सालाना द्विपक्षीय कारोबार को बढ़ाकर 100 अरब डॉलर तक पहुंचाने की आशा रखते हैं। भारत और यूरेशियन इकॉनोमिक यूनियन के बीच मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में भी बातचीत चल रही है।’
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, ‘हम सबसे बड़ा भारतीय न्यूक्लियर प्लांट बनाने के प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहे हैं। छह में से तीन रिएक्टर पहले ही एनर्जी नेटवर्क से जुड़ चुके हैं। हम अपने इंडियन पार्टनर्स के साथ मिलकर नए अंतरराष्ट्रीय ट्रांसपोर्ट रूट बनाने पर काम कर रहे हैं, जिसमें रूस या बेलारूस से हिंद महासागर तट तक नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट बनाने का प्रोजेक्ट भी शामिल है।’
रूसी नागरिकों के लिए 30 दिन का मुफ्त वीजा
पीएम मोदी ने कहा, ‘दोनों देशों के बीच स्नेह और आत्म-सम्मान का भाव रहा है। हाल ही में रूस में भारत के दो नए वाणिज्य दूतावास खोले गए हैं। इससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क और सुगम और आपस में नजदीकियां बढ़ेंगी। शीघ्र ही हम रूसी नागरिकों के लिए नि:शुल्क 30 दिन का टूरिस्ट वीजा और 30 दिन के ग्रुप टूरिस्ट वीजा की शुरुआत करने जा रहे हैं। हम मिलकर वोकेशनल एजुकेशन, स्किलिंग और ट्रेनिंग पर भी काम करेंगे। दोनों देशों के स्कॉलर्स और खिलाड़ियों का आदान-प्रदान बढ़ेगा।’ पीएम मोदी ने कहा, ‘यू्क्रेन के संबंध में भारत ने हमेशा से शांति का पक्ष रखा है। हम इस मुद्दे के स्थायी समाधान के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। भारत अपना योगदान देने के लिए हमेशा तैयार रहा है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और रूस ने हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया है। भारत का अटल विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है और इसके विरूद्ध वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।’
‘जहाज निर्माण सहयोग मेक इन इंडिया को सशक्त बना सकता है’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘अब हम भारत के नाविकों की ध्रुवीय जल में ट्रेनिंग के लिए सहयोग करेंगे। यह आर्कटिक में हमारे सहयोग को नई ताकत तो देगा ही, साथ ही इससे भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे। उसी प्रकार से जहाज निर्माण में हमारा गहरा सहयोग मेक इन इंडिया को सशक्त बनाने का सामर्थ्य रखता है। यह हमारे विन-विन सहयोग का एक और उत्तम उदाहरण है, जिससे नौकरियां, कौशल और क्षेत्रीय संपर्क सभी को बल मिलेगा। ऊर्जा सुरक्षा भारत–रूस साझेदारी का मजबूत और महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। असैन्य परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में हमारा दशकों पुराना सहयोग, स्वच्छ ताक़त की हमारी साझा प्राथमिकताओं को सार्थक बनाने में महत्वपूर्ण रहा है। हम इस विन-विन सहयोग को जारी रखेंगे। महत्वपूर्ण खनिज में हमारा सहयोग पूरे विश्व में सुरक्षित और विविध आपूर्ति श्रृंखलाएँ सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे स्वच्छ ऊर्जा, उच्च तकनीक विनिर्माण और नए युग के उद्योग में हमारी साझेदारी को ठोस समर्थन मिलेगा।’
राष्ट्रपति पुतिन के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी का बयान
राष्ट्रपति पुतिन के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘आज भारत-रूस के 23वें शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए मुझे खुशी हो रही है। उनकी यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब हमारे द्विपक्षीय संबंध कई अहम पड़ावों से गुजर रहे हैं। 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन ने हमारी सामरिक भागीदारी की नींव रखी थी। उन्होंने इन संबंधों से निरंतर सींचा है। उनके नेतृत्व ने हर परिस्थिति में आपसी संबंधों को नई ऊंचाई दी है। भारत के प्रति गहरी मित्रता और अटूट प्रतिबद्धता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का आभार प्रकट करता हूं।’
‘भारत-रूस की मित्रता ध्रुव तारे की तरह बनी रही। हम समय की कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं। आज हमने इस नींव को और मजबूत करने के लिए सहयोग के सभी पहलुओं पर चर्चा की है। आज हमने 2030 तक के लिए एक आर्थिक सहयोग कार्यक्रम पर सहमति बनाई है। इससे हमारा व्यापार और निवेश संतुलित और टिकाऊ बढ़ेगा तथा सहयोग के क्षेत्र में नए आयाम जुड़ेंगे। भारत-रूस व्यापारिक फोरम में भी हमें शामिल होने का अवसर मिलेगा। यह हमारे कारोबारी रिश्तों को नई ताकत देगा। इससे निर्यात, सह-निर्माण और सह-नवाचार के नए दरवाजे भी खुलेंगे।’
‘दुनिया ने कोरोना काल के बाद से कई संकट झेले’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘कोरोनाकाल के बाद से आज तक दुनिया ने कई संकट झेले हैं। हम उम्मीद करते हैं कि बहुत जल्द दुनिया की सभी चिंताएं दूर होंगी और वैश्विक समुदाय के लिए नई उम्मीद पैदा होगी, जो दुनिया को सही राह में लेकर जाएगी।’

