नई दिल्ली, एजेंसी। मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) समेत कुछ मुद्दों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण मंगलवार को भी लोकसभा में गतिरोध जारी रहा और सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे फिर शुरू हुई तो विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए।
पीठासीन सभापति पी सी मोहन ने हंगामे के बीच आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाए। शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी गतिरोध जारी रहने के बीच संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा, ‘‘कल भी हमने अनुरोध किया था, आज फिर कर रहा हूं। देश में कई मुद्दे हैं, किसी मुद्दे को हम छोटा नहीं मानते। संसद नियम से चलती है। एक मुद्दे को लेकर आप बाकी मुद्दों को दबा नहीं सकते। इस सदन में कई पार्टियां हैं। हर पार्टी की बात सुननी चाहिए। दो-चार पार्टी मिलकर संसद को ठप करेंगी, यह ठीक नहीं है।’’
उनका कहना था, ‘‘यह लोकतंत्र है। चुनाव में हार-जीत होती है, मैं भी चुनाव हारा हूं, अटल जी भी चुनाव हारे थे। लेकिन हार की बौखलाहट में आप संसद में गुस्सा निकालेंगे, वो ठीक नहीं है।’’ रीजीजू ने बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए कहा, ‘‘ऐसी हरकतें करने के कारण आप (विपक्ष) जनता का विश्वास खोते जा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं आश्चासन देता हूं कि चाहे चुनाव सुधार हो, अन्य कोई भी मुद्दा हो, हम पीछे नहीं हटेंगे।
देश के किसी भी मुद्दे पर हम चर्चा के लिए तैयार हैं। मैंने कुछ प्रमुख विपक्षी नेताओं को बुलाया है। हम बातचीत करके रास्ता निकालेंगे। हम सबकी बात सुनेंगे, आपको सरकार की बात सुननी चाहिए…आप चर्चा के लिए तैयार हो जाइए।’’ हंगामा नहीं थमने पर पीठासीन सभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर अपराह्न दो बजे तक स्थगित कर दी। इससे पहले, शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन की बैठक पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन को विशिष्ट दीर्घा में जॉर्जिया के संसदीय शिष्टमंडल के उपस्थित होने की जानकारी दी। इसके बाद उन्होंने प्रश्नकाल शुरू कराया तो कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्य एसआईआर के मुद्दे पर नारेबाजी करते हुए आसन के समीप आ गए। हंगामे के बीच ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सतीश कुमार गौतम और सौमित्र खान ने क्रमश: उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से संबंधित पूरक प्रश्न पूछे जिनके संबंधित मंत्रियों ने उत्तर भी दिए। इस दौरान अध्यक्ष बिरला ने आसन के पास नारे लगा रहे विपक्ष के सदस्यों से अपने स्थान पर जाकर बैठने और प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया। उन्होंने कुछ विपक्षी सदस्यों के आचरण पर चिंता जताते हुए यह भी कहा, ‘‘जिस तरह का आपका आचरण मैं संसद के अंदर देख रहा हूं और कई सदस्य सदन के बाहर संसद के लिए जिस भाषा का प्रयोग कर रहे हैं, वह संसद और देश के हित में नहीं है। अगर उनके राजनीतिक दलों की यही परंपरा है तो देश देख रहा है।’’
बिरला ने शोर-शराबा कर रहे सदस्यों से कहा, ‘‘संसद के अंदर विरोध और असहमति लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन मर्यादा और शालीनता बनाए रखें। मैं हमेशा हर मुद्दे पर बात रखने के लिए पर्याप्त समय, पर्याप्त अवसर देता हूं, लेकिन आग्रह है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में, दुनिया को मार्गदर्शन देने वाले लोकतंत्र में संसद की मर्यादा और परंपरा भी उच्चकोटि की होनी चाहिए और आपका आचरण विशेष रूप से संसद की मर्यादा के अनुरूप हो।’’ हालांकि, विपक्ष की नारेबाजी जारी रही और अध्यक्ष ने बैठक दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सभापति ने सदस्यों के नोटिसों को खारिज करते हुए न तो इसका कारण बताया और न ही सदस्यों के दिए नोटिस के विषय और सदस्यों के नाम का भी उल्लेख नहीं किया जबकि सदन में पहले से यह परंपरा रही है। उन्होंने सभापति से अनुरोध किया कि वे चुनाव सुधारों के मुद्दे पर चर्चा शुरू कराएं।
द्रमुक के तिरुचि शिवा ने भी व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए सभापति से विपक्ष के सदस्यों की बात सुनने का अनुरोध किया। सभापति ने शोरगुल के बीच शून्यकाल की कार्यवाही जारी रखी लेकिन विपक्ष का हंगामा जारी रहता देख उन्होंने सदन की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित कर दी।

