लखनऊ। प्रदेश सरकार इस वर्ष 2024-25 में भी बिजली की दरों में कोई बढ़ोत्तरी न कर प्रदेश के 3.48 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को दशहरा दीपावली त्यौहार का तोहफा दिया है। विगत 05 वर्षों से लगातार महंगाई के दौर में भी बिजली की दरें नहीं बढ़ायी गईं और टैरिफ भी वही है। इसका लाभ प्रदेश के सभी श्रेणियों के उपभोक्ताओं को मिलेगा। इस व्यवस्था के साथ उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है। इस वर्ष बिजली दरों का निर्धारण 10.67 प्रतिशत लाइन हानियों के आधार पर किया गया है।
उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए0के0 शर्मा ने विद्युत दरों के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि योगी सरकार ने उपभोक्ताओं के हितों के दृष्टिगत वर्ष 2019-20 के बाद से विद्युत दरें नहीं बढ़ायी गई बल्कि कुछ क्षेत्रों में विद्युत दरों को कम किया गया है। इससे निम्न आय वर्ग और छोटे व्यवसायियों को आर्थिक राहत और स्थिरता मिलेगी। प्रदेश में आईटी उद्योग को बढ़ावा देने, स्टार्टअप लगाने व बाहर की कम्पनियों का निवेश बढ़ाने हेतु इस क्षेत्र में विद्युत दरों को कम किया गया है। इसी प्रकार इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग हेतु सार्वजनिक इलेक्ट्रिक वाहन स्टेशनों के लागू वर्तमान टैरिफ को राज्य परिवाहन के लिए भी अनुमन्य कर दिया गया है। यह पहल राज्य की इलेट्रिक मोबिलिटी एजेंडा को बढ़ावा देने के लिए की गयी है। इससे सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के लिए ’इलेक्ट्रिक वाहन’ चार्जिंग को सुलभ और सस्ता बनाया जा सकेगा तथा पर्यावरण के अनुकूल परिवहन को बढ़ावा मिलेगा।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि पर्यावरण की दृष्टि से नवीकरणीय ऊर्जा का उपभोग करने वालें उपभोक्ताओं द्वारा देय अतिरिक्त ग्रीन एनर्जी टैरिफ 0.44 रुपये प्रति यूनिट को घटाकर 0.36 रुपये प्रति यूनिट कर दिया गया है। उद्योगों को ग्रीन एनर्जी सर्टिफिकेट देने की निर्धारित दरों को 15 से 20 प्रतिशत कम किया गया है। विदेश के साथ निर्यात करने वाले जो उद्यमी ग्रीन एनर्जी का प्रमाणपत्र लगाने के लिए ग्रीन टैरिफ का लाभ लेते हैं उनकी दरों में कमी आयेगी। साथ ही जो उद्यमी इसका लाभ ले रहे हैं उनकी इनपुट कॉस्ट में अब कमी आएगी। इससे ग्रीन एनर्जी के प्रति उपभोक्ताओं का रूझान बढ़ेगा। साथ ही पर्यावरण संरक्षण में लाभ मिलेगा तथा कार्बन उर्त्सजन में कमी आयेगी। इस टैरिफ में कमी का लाभ उन समस्त उद्योगो को मिलेगा जो हरित ऊर्जा का उपभोग करना चाहतें हैं और पर्यावरण के प्रति जागरूक उपभोक्ता हैं तथा अपने कार्बन फुटप्रिन्ट कम करना चाहते हैं।
ए0के0 शर्मा ने बताया कि रीजनल रैपिड ट्रंजिट सिस्टम हेतु विद्युत दरों को मेट्रों रेल सेवाओं की दरों के समान कर दिया गया है। इससे सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों के लिए किफायती और सुसंगत मूल्य निर्धारण सुनिश्चित होगा। इस निर्णय से राज्य के भीतर कुशल मास ट्रांजिट नेटवर्क के विस्तार एवं विकास में लाभ होगा। डिजिटल बिलिंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उपभोक्ताओं को विद्युत बिल प्राप्त करने के लिए ई-मेल, व्हाटऐप या अन्य इलेक्ट्रानिक माध्यमों का विकल्प उपलब्ध कराया गया है। साथ ही यह उनके लिए भी फायदेमन्द होगा जो दूरदराज के क्षेत्रों में रहते हैं। ओपन एक्सेस उपभोक्ताओं के लिए क्रॉस सब्सिडी सरचार्ज की दरों को वर्तमान स्तर पर यथावत रखा गया है। यह उद्योगो को ओपन एक्सेस का विकल्प चुनने तथा बिजली बाजार में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में सहायक होगा, जिससे आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा। वर्तमान में प्रचलित नियम के अनुसार 05 किवा. से अधिक संयोजित भार के उपभोक्ताओं हेतु तीन-फेज संयोजन की सुविधा लागू है। अब 03 से 05 किवा. भार के उपभोक्ताओं को भी तीन-फेज का संयोजन देने का निर्णय लिया गया है।
इससे उपभोक्ताओं की विद्युत आपूर्ति की गुणवत्ता तथा विश्वसनीयता में सुधार होगा। इसी प्रकार स्मार्ट मीटर का कनेक्शन जोड़ने काटने के लिए लिये जाने वाले 50 रुपये शुल्क को समाप्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं के हितों के लिए प्रदेश सरकार ने इस वर्ष 03 हजार करोड़ रुपये ज्यादा बढ़ाकर 17,511 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के आशीर्वाद से और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में, विद्युत कर्मियों की मेहनत, पुरुषार्थ और सक्षम प्रबंधन से यह संभव हो पा रहा है। उन्होंने सभी उपभोक्ताओं से अपील की है कि अपने बिजली बिलों को समय से जमा कराए, जिससे प्रदेश में निर्बाध विद्युत आपूर्ति होती रहें। उन्होंने आने वाले त्योहारों दशहरा, दीपावली व छठ पर्व के दौरान उपभोक्ताओं को निर्वाध आपूर्ति मिले इसके निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रदेश के सभी विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत दरें न बढ़ने की बधाई दी है।