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22 Jun 2025, Sun

अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान द्वारा “योग एवं ध्यान शिविर” आयोजित

लखनऊ – अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान, लखनऊ, संस्कृति विभाग, उ०प्र० द्वारा 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर ‘एक पृथ्वी एक स्वास्थ्य’ के लिए योग एवं ध्यान शिविर का आयोजन मान्यवर श्री कांशीराम जी ग्रीन (इको) गार्डेन, आलमबाग, लखनऊ में किया गया।

इस कार्यक्रम में संस्थान के सदस्य भिक्षु शील रतन, भिक्षु देवानंद वर्धन, श्री तरुणेश बौद्ध, श्रीलंका से वेन डॉ जुलाम्पिटिये पुण्यासार महास्थविर, निदेशक संस्थान डॉ राकेश सिंह, अरुणेश मिश्र, डॉ धीरेंद्र सिंह, महिला योग शक्ति संस्था की महिलाओं सहित बौद्ध भिक्षु, बौद्ध एवं उत्तर प्रदेश जैन विद्या शोध संस्थान के कर्मचारीगण, छात्र-छात्राएं, गणमान्य सदस्य एवं बौद्ध विद्वान तथा पत्रकार बंधु सहित लगभग 350 लोग उपस्थित थे।

कार्यक्रम का आरंभ मानक योग प्रोटोकॉल के अंतर्गत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के सीधे प्रसारण के साथ हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि योग का अर्थ है जुड़ना और यह देखना कितना सुखद है की योग ने कैसे पूरे विश्व को जोड़ा है, आज योग करोडो लोगों के जीवन शैली का हिस्सा बन गया है साथ ही ऑडियो/विडियो के माध्यम से राज्यपाल/कुलाधिपति के संदेश का भी प्रसारण किया गया।

11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी मानक योग प्रोटोकॉल का पूर्णरूप से पालन करते हुए योग कार्यक्रम में योग गुरु आचार्य प्रशांत की शिष्याएं कालिंदी पाल एवं श्रीमती कुसुम पाठक आदि द्वारा लगभग 350 लोगों को योगाभ्यास कराया गया। योगाभ्यास के क्रम में एक साथ 10 मिनट तक सूर्य नमस्कार में उच्चारित होने वाले मंत्र के साथ “सूर्य नमस्कार योग मुद्रा” के सभी मुद्राओं का योगाभ्यास कराया और बताया कि हमारे जीवन के लिए “सूर्य नमस्कार योग मुद्रा” कितना लाभकारी सिद्ध होता है। संस्थान के सदस्य भिक्षु शील रतन ने बताया कि विपश्यना ध्यान साधना एवं योग के माध्यम से शारीरिक ही नहीं मानसिक शांति भी प्राप्त की जा सकती है।

संस्थान के डॉ राकेश सिंह जी ने योग पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि हमारे जीवन में मानसिक, शारीरिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक विकास में योग का महत्वपूर्ण योगदान है, योग से जीवन में ईर्ष्या, राग, द्वेष से भी मुक्ति प्राप्त होती है। प्रत्येक व्यक्ति को योग अपनाना चाहिए, ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से जनमानस को योग एवं विपश्यना ध्यान साधना से होने वाले लाभों के बारे में जानकारी प्राप्त होती है और योग के प्रति उनकी रूचि बढ़ती है।

अंत में संस्थान के निदेशक डॉ राकेश सिंह ने कार्यक्रम में आए हुए गणमान्य अतिथियों, बौद्ध भिक्षुओं, वक्ताओं, मीडिया कर्मियों एवं विद्वानों, छात्र-छात्राओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।