वॉशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर दुनिया के सबसे ताकतवर देशों की बैठक से वक्त से पहले निकल गए। मामला है कनाडा में चल रहे G7 समिट का। डोनाल्ड ट्रंप कनाडा के प्रिंस एडवर्ड आइलैंड में हो रही G7 बैठक में शामिल होने पहुंचे थे, लेकिन तय कार्यक्रम से पहले ही समिट से विदा ले ली। वजह? मिडल ईस्ट में बढ़ती जंग की आग और वॉशिंगटन में हालात पर सीधा कंट्रोल रखने की चाह।
ट्रंप सिर्फ बैठक छोड़कर नहीं गए, जाते-जाते उन्होंने तेहरान के लोगों को राजधानी खाली करने तक की सलाह दे डाली। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर खुला इशारा दे दिया कि अगर हालात नहीं सुधरे तो अमेरिका सीधे सैन्य कार्रवाई कर सकता है। ट्रंप ने व्हाइट हाउस की सिचुएशन रूम में नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल को तैयार रहने का आदेश दिया है।
2018 में भी G7 छोड़ी थी अधूरी…
ये पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने कनाडा में हो रही G7 समिट को बीच में छोड़ा हो। 2018 में भी ट्रंप ने क्यूबेक में चल रही समिट अधूरी छोड़ी थी और सिंगापुर रवाना हो गए थे, जहां उनकी ऐतिहासिक मुलाकात उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन से होनी थी। उस साल ट्रंप ने पहले से तय साझा बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया था और कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को बेईमान और कमजोर तक कह डाला था। उस वक्त भी दुनिया के बड़े नेताओं को ट्रंप की अचानक विदाई से धक्का लगा था।
साझा बयान से भी किया किनारा
समिट में जब सभी G7 देश युद्ध को थामने की अपील वाला एक साझा बयान जारी करने की तैयारी में थे, ट्रंप ने इससे दूरी बना ली, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि ट्रंप युद्धविराम के किसी फॉर्मूले पर विचार कर रहे हैं। ट्रंप भले कूटनीतिक हल की बात कर रहे हों, लेकिन उनकी भाषा में तल्खी साफ नजर आई। इस फैसले से ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज को सबसे ज्यादा झटका लगा, जो ट्रंप से अपनी पहली आमने-सामने की बातचीत के लिए उत्साहित थे, जिसमें AUKUS न्यूक्लियर सबमरीन डील और व्यापार जैसे मुद्दे शामिल थे।
‘अमेरिका फर्स्ट’ ट्रंप की नीति, बाकी दुनिया करें इंतजार
डोनाल्ड ट्रंप हमेशा से ‘अमेरिका फर्स्ट’ की नीति पर चलते रहे हैं। चाहे वो इंटरनेशनल डील्स हों, क्लाइमेट समिट्स या फिर G7 जैसे मंच। अगर उन्हें लगे कि घरेलू मुद्दे ज्यादा जरूरी हैं, तो वो बाहर की बैठकों को छोड़ना गलत नहीं समझते। एक बार फिर, उन्होंने यही दिखाया। मिडल ईस्ट में युद्ध, वॉशिंगटन की तैयारी, और खुद की छवि, इन तीनों के बीच ट्रंप ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जब बात अमेरिका की आती है, तो बाकी सब चीजें चाहें वो जरूरी ही क्यों न हो सेकेंडरी हो जाती हैं।
कनाडा से लौटना ट्रंप की पुरानी आदत, किम जोंग उन से मीटिंग के लिए भी छोड़ आए थे G7 समिट
