पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सीट बंटवारे को लेकर NDA में रार मची है। एक ओर जहां चिराग पासवान अपनी मांग मंगवाने पर अड़े हैं तो वहीं हम पार्टी के प्रमुख जीतनराम मांझी भी बीजेपी के लिए मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। मांझी ने साफतौर पर कह दिया है कि अगर उनकी पार्टी को 15 सीटें नहीं मिलीं तो वो चुनाव नहीं लड़ेगी।
जीतनराम मांझी ने कहा कि मैं अपमानित महसूस कर रहा हूं। हम अपने आपको अपमानित महसूस कर रहे हैं। हमारे लोगों को मतदाता सूची नहीं मिली है। हमें नहीं बुलाया गया है। ये अपमान का घूंट कितने द मांझी ने आगे कहा, ‘मैंने हर समय एनडीए का साथ दिया। ऐसे में एनडीए का फर्ज बनता है कि हमें अपमानित महसूस ना कराए। पिछले चुनाव में हमें 7 सीटें मिली थी, जिसमें हम 4 जीते। हमारा स्ट्राइक रेट 60% था। इस बार हम 15 सीट चाहते हैं, ताकि 60% सीट जीतने के बाद हमें मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल का दर्जा मिल जाएगा। केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि मुझे 15 सीटें मिलेंगी तो 8 से 9 सीटें जीत सकेंगे। अगर 15 सीटें नहीं मिलीं तो हम चुनाव नहीं लड़ेंगे।’ सूत्रों के मुताबिक, जीतनराम मांझी की पार्टी हम को बीजेपी की तरफ से 7 सीटें देने का ऑफर है। ये वही सातों सीटें हैं जहां पिछली बार हम चुनाव लड़ी थी। इनमें सभी चार जीती हुई सीटें हैं। जीती हुई सीटें इमामगंज, बाराचट्टी, सिकंदरा, टेकारी हैं। जबकि कुटुंबा, मखदुमपुर और पूर्णिया की कसबा सीट पर पार्टी हार गई थी। इन सभी सात सीटों के अलावा मांझी की पार्टी गया जिले की 2 और सीट शेरघाटी और अतरी मांग रही है। अतरी से ही जीतनराम मांझी वोटर हैं। शेरघाटी और अतरी में से एक सीट मिल सकती है।
चिराग को चाहिए 40 सीटें
मांझी के अलावा चिराग पासवान भी बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं। वह 40 सीटें चाहते हैं। वहीं, बीजेपी अपने इन घटक दलों को मनाने में जुटी है। NDA में सीटों पर दावेदारी की फिलहाल ये स्थिति है।
बीजेपी और जेडीयू 103-103 सीटों पर चुनाव लड़ने चाहते हैं। हम 15 से 18 चाहती है, जबकि बीजेपी 7 से 8 सीट ही देने को तैयार है। कुशवाहा की पार्टी 15 सीटें मांग रही है। चिराग पासवान 40 से 45 सीट मांग रहे हैं, जबकि बीजेपी 20 सीट ही देने को तैयार है। संभव है एक विधानपरिषद और एक राज्यसभा की सीट पर सहमति बन जाए।