काबुल। दादयाल (पीओके) में हाल ही में पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने एक बड़ी रैली आयोजित की, जिसमें मंच से खुलेआम हमास आतंकियों की तारीफ की गई। इंटेलिजेंस इनपुट्स के मुताबिक इस कार्यक्रम में न सिर्फ हमास को सम्मान दिया गया, बल्कि जैश के आतंकी कमांडरों ने हमास जैसे हमलों की रणनीति अपनाने की बात भी कही।
इस रैली का मंच जैश के टॉप कमांडर इलियास कश्मीरी ने संभाला। उसके आसपास जैश के कई स्थानीय और वरिष्ठ आतंकी नेता भी मौजूद थे। मंच से भड़काऊ भाषण दिए गए और साथ ही में फिलिस्तीन के समर्थन में गीत भी गाया गया।
मंच से दिए गए भाषणों में क्या कहा गया?
रैली में मंच से भाषण भी दिया गया जिसमें हमास के आतंकी ऑपरेशंस को मॉडल करार दिया गया। युवाओं को हमास से प्रेरित होकर जारी जंग लड़ने का आह्वान किया गया। यही नहीं भाषण में जैश-ए-मोहम्मद की पुरानी रणनीति को बदलकर हमास स्टाइल हमलों पर जोर दिया गया। इंटेल एजेंसियों के मुताबिक ये बयान आने वाले महीनों में जैश की नई रणनीति का संकेत हो सकते हैं।
मंच से गाया गया गीत: मैं फिलस्तीन हूं, ये मेरा जुर्म है
रैली के दौरान एक गीत भी गाया गया। गीत के बोल हैं, मैं फिलस्तीन हूं, ये मेरा जुर्म है। इस गीत का मकसद भीड़ में संघर्ष की भावना पैदा करना बताया जा रहा है। इंटेल रिपोर्ट कहती है कि जैश ये नैरेटिव फैलाकर युवाओं को अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रहा है।
इंटेल रिपोर्ट: जैश को दी जा रही हमास-स्टाइल ट्रेनिंग
सबसे बड़ा खुलासा इंटेल इनपुट्स में सामने आया है। इनके मुताबिक जैश के प्रशिक्षुओं को हमास की तरह सुरंगों, छोटे ग्रुप अटैक और ड्रोन-आधारित हमलों की ट्रेनिंग दी जा रही है। कई लांचिंग पॉइंट्स पर नई ट्रैनिंग मॉड्यूल जोड़े गए हैं। प्रशिक्षकों को हमास द्वारा इस्तेमाल की गई तकनीकों और गुरिल्ला रणनीतियों का अध्ययन कराया जा रहा है। एजेंसियों का मानना है कि जैश का ये रुख सीमा पर नए सुरक्षा खतरे पैदा कर सकता है।
भारत के लिए चिंता की बात क्यों है?
दादयाल (पीओके) लंबे समय से जैश की गतिविधियों का हब रहा है, लेकिन हमास मॉडल अपनाने की कोशिश,खुलेआम भीड़ जुटाकर रैली करना, आतंकी नेताओं का खुला भाषण, इन सबने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। इंटेल सूत्रों का कहना है कि यह रैली जैश के अगले किसी आतंकी हमले की तैयारी का हिस्सा लगती है।

