सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने करदाताओं को राहत देने के लिए इनकम टैक्स से जुड़े कुछ नियमों में बदलावों को नोटिफाई कर दिया है। इससे सैलरीड एंप्लॉयीज के लिए कलेक्ट किए जा चुके TCS या डिडक्ट किए जा चुके TDS का क्रेडिट क्लेम करना आसान हो जाएगा। साथ ही, इन बदलावों के चलते नाबालिगों के TCS क्रेडिट का क्लेम पैरंट्स कर सकेंगे।
फाइनैंस मिनिस्ट्री ने गुरुवार को बताया कि आईटी एक्ट 1961 के सेक्शन 192 के सब सेक्शन 2B को फाइनैंस एक्ट 2024 के तहत संशोधित किया गया है। इससे सैलरीड एंप्लॉयीज के मामले में टैक्स डिडक्शन के लिए किसी भी TDS या TCS (टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स) को चैप्टर Chapter XVII B या चैप्टर XVII-BB में शामिल कर लिया जाएगा।
एंप्लॉयर को देनी होगी जानकारी
15 अक्टूबर को जारी नोटिफिकेशन के जरिए CBDT ने इनकम टैक्स रूल्स 1962 में संशोधन किया है और फॉर्म नंबर 12BAA पेश किया है, जो इस एक्ट के सेक्शन 192 के सब सेक्शन 2B के तहत जरूरी जानकारी का प्रेस्क्राइब्ड स्टेटमेंट होगा। कर्मचारियों को ये जानकारियां अपने एंप्लॉयर को देनी होंगी, जो सेक्शन 192 के तहत पेमेंट्स के लिए जिम्मेवार होता है। एंप्लॉयर दी गई जानकारी के आधार पर सैलरी पर TDS डिडक्ट करेगा।
इसके अलावा किसी खास खर्च पर चुकाए गए टैक्स के लिए TCS का क्रेडिट खर्च करने वाले व्यक्ति के बजाय दूसरे व्यक्ति को क्लेम करने की इजाजत देने वाला बदलाव भी किया गया है। इससे ऐसे नाबालिग कलेक्टी के मामले में पैरंट TCS क्रेडिट क्लेम कर सकेंगे, जिनकी इनकम पैरंट के साथ जोड़ी जाती हो। फाइनैंस मिनिस्ट्री के बयान में कहा गया कि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 2060 के सब-सेक्शन 4 को संशोधित किया गया है, जिससे कलेक्टी के अलावा दूसरे व्यक्ति को TCS क्रेडिट किया जा सके।
करदाताओं को होगी सहूलियत
इस बदलाव से करदाताओं को अपनी इनकम टैक्स देनदारी समझिए खबरों के कम करने में मदद मिलेगी TCS पेमेंट करने वाले कलेक्टी अंदर की बात को टैक्स कलेक्ट करने वाले बैंक या दूसरे संस्थान के पास डिक्लेरेशन देना होगा, जिसमें यह बताना होगा कि TCS दूसरे व्यक्ति के PAN पर क्रेडिट किया जाए। ऐसे डिक्लेरेशन में उस व्यक्ति के नाम, पते और PAN की जानकारी देनी होगी, जिसे TCS दिया जाना हो उस पेमेंट की जानकारी भी देनी होगी, जिसके लिए क्रेडिट दिया जाना हो और यह भी बताना होगा कि ऐसे व्यक्ति को क्रेडिट क्यों दिया जा रहा है।
10 साल में 182% बढ़ा डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन
पिछले 10 वर्षों में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 182% बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 19.60 लाख करोड़ रुपये हो गया। डिपार्टमेंट के लेटेस्ट टाइम सीरीज डेटा से यह जानकारी मिली। इसके मुताबिक, पिछले 10 वर्षों में कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन दोगुने से ज्यादा होकर 2023-24 में 9.11 लाख करोड़ रुपये हो गया। वहीं इस दौरान पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन लगभग 4 गुना बढ़कर 10.45 लाख करोड़ रुपये हो गया।