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21 Dec 2024, Sat

समाज को टुकड़ों में बांटने की चल रही साजिश, इस संकट को मिलकर समझें: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के वडताल में श्री स्वामीनारायण मंदिर के 200वें वर्ष समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा देना होगा। साथ ही साथ कहा कि लोगों, समाज, जाति को ना जाने किस प्रकार से टुकड़े-टुकड़े में बांटने की साजिश चल रही है। हमें इस संकट को मिलकर समझना होगा, ऐसे कारनामों को पराजित करना होगा। बड़े लक्ष्य कठोर तप से हासिल होते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि भगवान श्री स्वामीनारायण की कृपा से वडताल धाम में द्विशताब्दी समारोह का भव्य आयोजन चल रहा है। वहां देश-विदेश से सभी हरि भक्त आए हुए हैं और श्री स्वामीनारायण की तो परंपरा रही है, सेवा के बिना उनका कोई काम नहीं होता है, आज लोग बढ़-चढ़ कर सेवाकार्यों में अपना योगदान दे रहे हैं।
‘देश निश्चित लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा’
उन्होंने कहा कि द्विशताब्दी समारोह केवल एक आयोजन या इतिहास की तारीख नहीं है। ये मेरे जैसे हर व्यक्ति के लिए, जो वड़ताल धाम में अनन्य आस्था के साथ बड़ा हुआ है, उसके लिए बहुत बड़ा अवसर है। मैं मानता हूं, हमारे लिए ये अवसर भारतीय संस्कृति के शाश्वत प्रवाह का प्रमाण है। 200 साल पहले जिस वडताल धाम की स्थापना भगवान श्री स्वामीनारायण ने की थी हमने आज भी उसकी अध्यात्मिक चेतना को जागृत रखा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम आज भी यहां भगवान श्री स्वामीनारायण की शिक्षाओं को, उनकी ऊर्जा को अनुभव कर सकते हैं। आज हमारे युवाओं के सामने एक बहुत बड़ा उद्देश्य उभर कर आया है। पूरा देश एक निश्चित लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है, ये लक्ष्य है- विकसित भारत का।
‘विकसित भारत के उद्देश्य से जन-जन को जोड़ें’
उन्होंने कहा कि वडताल के और समस्त स्वामीनारायण परिवार के संत महात्माओं से मेरा आग्रह ​है कि विकसित भारत के महान उद्देश्य से जन-जन को जोड़ें, जैसे आजादी के आंदोलन में एक शताब्दी तक समाज के भिन्न-भिन्न कोने से आजादी की ललक, आजादी की चिंगारी देशवासियों को प्रेरित कर रही थी। एक भी दिन, एक भी पल ऐसा नहीं गया जब लोगों आजादी के इरादों को, संकल्पों को छोड़ा। जैसी ललक आजादी के आंदोलन में थी वैसी ही ललक, वैसी ही चेतना ​’विकिसत भारत’ के लिए 140 करोड़ देशवासियों में हर पल होना जरूरी है।

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