नई दिल्ली, एजेंसी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देशव्यापी जाति आधारित जनगणना की अपनी मांग को दोहराते हुए बुधवार को कहा कि वह उस दिन का इंतजार कर रहे हैं जब दलित और कमजोर वर्ग के लोग भारत के हर संस्था में शीर्ष पद संभालेंगे। गांधी ने यहां स्वतंत्रता सेनानी एवं दलित नेता जगलाल चौधरी की जयंती समारोह में अपने संबोधन में यह भी आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) संविधान के खिलाफ हैं क्योंकि संविधान दलितों और वंचितों को अधिकारों की गारंटी देता है।
‘मैं दलितों के हितों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखूंगा’
उन्होंने कहा, ‘‘देश के मौजूदा सत्ता तंत्र और संस्थाओं में दलितों और वंचितों की कोई भागीदारी नहीं है… दलितों, अल्पसंख्यकों और समाज के कमजोर वर्गों की सटीक संख्या का पता करने के लिए पूरे भारत में जाति जनगणना की आवश्यकता है।” लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष दिल्ली विधानसभा चुनाव में वोट डालने के बाद बुधवार सुबह पटना पहुंचे। गांधी ने कहा, ‘‘मैं उस दिन का इंतजार कर रहा हूं जब दलित और कमजोर वर्ग देश की हर संस्था में नेतृत्व की स्थिति में होंगे… और मैं दलितों के हितों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखूंगा।”
‘यह दलितों-पिछड़ों और आदिवासियों का धन’
उन्होंने कहा, ‘‘उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आप (दलितों) लोगों के इतिहास का कोई उल्लेख नहीं है। क्या देश में दलित प्रोफेसर परीक्षा के प्रश्नपत्र तैयार कर रहे हैं? उद्योग जगत की बात करें तो नरेन्द्र मोदी जी ने देश के 25 सबसे अमीर लोगों का 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया …यह दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का धन है।” गांधी ने कहा, ‘‘देश में 100 रुपये में दलित, आदिवासी, पिछड़ा वर्ग सभी को मिलाकर हिस्सेदरी 6.10 रुपये है और इसे भी वो छीनने की कोशिश कर रहे हैं ।”