एक्सरसाइज करने के फायदों से तो हम सभी वाकिफ हैं। इसकी मदद से मांसपेशियां मजबूत होती हैं, वजन घटता है, ताकत बढ़ती है और बीमारियों से सुरक्षित रहने में मदद मिलती है। हालांकि, अब एक नया अध्ययन किया गया है, जिसमें सामने आया है कि युवा बने रहने का एक्सरसाइज से अच्छा कोई उपाय नहीं हो सकता। अध्ययन के मुताबिक, एक्सरसाइज करने से एक खास तरह का प्रोटीन उत्पन्न होता है, जो बुढ़ापे के लक्षणों को रोकता है।
इस अध्ययन को नेचर कम्युनिकेशंस नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया था और इसे दक्षिण कोरिया में पूरा किया गया है। शोध से पता चला है कि जब हम एक्सरसाइज करते हैं तो हमारी मांसपेशियां एक शक्तिशाली प्रोटीन छोड़ती है। यह प्रोटीन जैविक टाइम मशीन की तरह काम करता है और बढ़ती उम्र के साथ मांसपेशियों और हड्डियों की ताकत में जो गिरावट आती है, उसे बहाल करने का काम करता है।
इस प्रोटीन का नाम साइटोकाइन फैक्टर 1 (सीएलसीएफ1) है, जो कि कसरत करते समय रक्तप्रवाह में तेजी से बढ़ने लगता है। यह प्रोटीन बढ़ती उम्र से जुड़ी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान करने में मदद करता है और शरीर की ताकत को बढ़ाकर युवाओं जैसी ऊर्जा लाता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, उम्र बढ़ने के साथ सीएलसीएफ1 का स्तर स्वाभाविक रूप से कम हो जाता है, लेकिन नियमित एक्सरसाइज से इसे दोबारा युवा स्तर पर लाया जा सकता है।
इस अध्ययन को पूरा करने के लिए दक्षिण कोरिया के शोधकर्ताओं ने चूहों पर परिक्षण किया था। जब उन्होंने बुजुर्ग चूहों को सीएलसीएफ1 दिया, तो उनकी मांसपेशियों की ताकत और हड्डियों का घनत्व कम उम्र के चूहों के बराबर हो गया। इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह थी कि जब वैज्ञानिकों ने प्रोटीन की गतिविधि को रोक दिया, तो ज्यादातर एंटी-एजिंग लाभ बेअसर हो गए। इसके बाद यह अध्ययन बुजुर्ग और युवा लोगों पर भी किया गया।
शोधकर्ताओं ने प्रशिक्षण से पहले और बाद में अलग-अलग उम्र के लोगों के मांसपेशियों के नमूनों में जीन गतिविधि का विश्लेषण करके सीएलसीएफ1 के महत्व की खोज की। उन्होंने पाया कि युवाओं में कसरत के दौरान बहुत ज्यादा सीएलसीएफ1 बनता है, वहीं बुजुर्गों में इसका उत्पादन बहुत कम होता है। अध्ययन से सामने आया कि सीएलसीएफ1 ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है। इसके जरिए मांसपेशियां ऊर्जा को कुशलतापूर्वक उपयोग कर पाती हैं, जिससे कमजोरी नहीं होती।
सीएलसीएफ1 मायोकाइन नामक प्रोटीन के परिवार से संबंधित है। मायोकाइन एक्सरसाइज के दौरान शरीर के बाकी हिस्सों को संदेश भेजने का काम करता है कि मांसपेशियों पर क्या असर पड़ रहा है। कुछ संदेश वसा कोशिकाओं को ऊर्जा जलाने के लिए कहते हैं, वहीं अन्य हड्डियों को मजबूत बनाने का निर्देश देते हैं। ये मूड और याददाश्त को बेहतर बनाने में असरदार साबित होते हैं। अगर आप भी बुढ़ापे के असर को कम करना चाहते हैं तो नियमित एक्सरसाइज करें।