लेबनान, एजेंसी। ईरान और इजराइल के बीच 8 दिन से जंग जारी है. 13 जून से इजराइल ने ईरान पर बड़े पैमाने पर एयरस्ट्राइक शुरू की थी. टारगेट पर थे परमाणु सुविधाएं, सैन्य ठिकाने और यहां तक कि वैज्ञानिक और वरिष्ठ अफसर तक. मगर ईरान की ओर से जो जवाब आया है, उसने पूरे नैरेटिव को पलट दिया है।
दरअसल ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC) के सीनियर कमांडर और एक्सपीडिएंसी काउंसिल के सदस्य मोहसिन रेजाई ने खुलासा किया है कि इजराइली हमलों से पहले ही उनके संवेदनशील परमाणु ठिकानों को खाली करा लिया गया था। यानी जिन ठिकानों पर इजराइल ने बम बरसाए, वहां पहले से कुछ था ही नहीं।
ईरान ने पहले ही कर दी थी तैयारी
ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स (IRGC) के सीनियर कमांडर और एक्सपीडिएंसी काउंसिल के सदस्य मोहसिन रेजाई ने कहा है कि नतांज, इस्फहान, खांडाब और अराक जैसे ठिकानों को निशाना बनाया गया, लेकिन ये पहले ही खाली किए जा चुके थे। हमने पहले ही सारा न्यूक्लियर मटीरियल सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचा दिया था। मोहसिन रेजाई ने ये बात SNN को दिए इंटरव्यू में कही है। यानी इजराइल समझता रहा कि उसने बड़ी तबाही मचाई है, लेकिन असल में वह खाली पड़े ठिकानों पर गोले बरसाता रहा।
“ये तो बस शुरुआत है”, बोले ईरानी कमांडर
रेजाई ने ये भी बताया कि ईरान अब तक अपनी कुल सैन्य क्षमता का सिर्फ 30% ही इस्तेमाल कर रहा है। उनका साफ कहना है कि युद्धविराम की बात करना इस वक्त एक गलती होगी। उन्होंने कहा है कि हमें दुश्मन को रुकने का मौका नहीं देना चाहिए। अगर इजराइल को सांस लेने का वक्त मिला, तो वो खुद को फिर से तैयार कर लेगा। हम इस लड़ाई को धीरे-धीरे तेज कर रहे हैं। उन्होंने पहले भी चेताया था कि अगर हालात यूं ही बिगड़ते रहे, तो ईरान ऐसे कदम उठाएगा जिनसे पूरा मिडिल ईस्ट हिल जाएगा।
रक्तपात जारी, दोनों तरफ तबाही
एक ओर जहां ईरान कह रहा है कि उसने सैन्य और परमाणु सामग्री पहले ही सुरक्षित कर ली थी, वहीं दोनों ओर से हमलों में जान-माल का भारी नुकसान हो रहा है। इजराइली अधिकारियों के मुताबिक, अब तक ईरानी मिसाइल हमलों में कम से कम 25 लोग मारे गए हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं। दूसरी तरफ ईरानी मीडिया का दावा है कि इजराइली स्ट्राइक्स में 639 लोग मारे गए हैं और 1,300 से ज्यादा जख्मी हैं।
इजराइल और अमेरिका की हर चाल हो गई फेल, जिन परमाणु ठिकानों को बनाया निशाना वो निकले खाली
