लेटेस्ट न्यूज़
21 Jun 2025, Sat

बुलडोजर को रोकने से सरकार जल्लाद बनने से बची: गवई

नई दिल्ली, एजेंसी। प्रधान न्यायाधीश ने बुलडोजर जस्टिस पर एक बार फिर सवाल उठाते हुए बताया है कि किस तरह हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर न्याय पर प्रतिबंध लगाया और कार्यपालिका को न्यायाधीश, जूरी और जल्लाद बनने से रोका। हम आपको बता दें कि भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई ने इटली के शीर्ष न्यायाधीशों की सभा को संबोधित करते हुए पिछले 75 वर्षों में गरीबों और हाशिये पर पड़े लोगों को राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक न्याय दिलाने में सुप्रीम कोर्ट के योगदान को रेखांकित करते हुए यह बात कही।
सीजेआई गवई ने कहा कि अपराध के आरोपी व्यक्तियों के घरों को मनमाने तरीके से गिराना, कानूनी प्रक्रिया को दरकिनार करना और नागरिकों के आवास के मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 21) का उल्लंघन करना, असंवैधानिक है। सीजेआई ने कहा, कार्यपालिका (सरकार) एक साथ न्यायाधीश, जूरी और जल्लाद नहीं बन सकती। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का उल्लेख किया जिसमें कहा गया था, घर का निर्माण सामाजिक-आर्थिक अधिकारों का एक पहलू है। एक आम नागरिक के लिए, घर का निर्माण वर्षों की मेहनत, सपनों और आकांक्षाओं की परिणति होता है। एक घर केवल संपत्ति नहीं होता, बल्कि यह एक परिवार या व्यक्ति की स्थिरता, सुरक्षा और भविष्य की सामूहिक आशाओं का प्रतीक होता है। सीजेआई गवई ने कहा, पिछले 75 वर्षों को देखते हुए यह निर्विवाद है कि भारतीय संविधान ने आम लोगों के जीवन में बदलाव लाने की दिशा में निरंतर प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि, निदेशक सिद्धांतों के कई पहलुओं को मौलिक अधिकारों के रूप में पढक़र या कानून बनाकर लागू किया गया है। हम आपको बता दें कि ष्टछ्वढ्ढ बीआर गवई भारतीय संविधान के 75 वर्षों के सफर से संबंधित विषय पर इटली की मिलान कोर्ट ऑफ अपील में बोल रहे थे।

By Prabhat Pandey

प्रभात पांडेय आर्यावर्तक्रांति दैनिक हिंदी समाचार और दिशा एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक हैं। निष्पक्ष पत्रकारिता, सामाजिक सेवा, शिक्षा और कल्याण के माध्यम से सामाजिक बदलाव लाने वाले प्रभात पांडेय प्रेरणा और सकारात्मकता के प्रतीक हैं।