नई दिल्ली। लोकसभा में एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रपति अभिभाषण पर चर्चा के दौरान केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने सरकार की विदेश नीति, गाजा में जारी हिंसा और प्रस्तावित वक्फ कानून पर गंभीर सवाल उठाए। ओवैसी ने कहा कि सरकार की विदेश नीति अपने पारंपरिक रुख से भटक चुकी है और वह गाजा में हो रहे नरसंहार पर चुप्पी साधे हुए है।
उन्होंने गाजा में जारी संघर्ष का जिक्र करते हुए कहा कि अब तक 61,709 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और 1।11 लाख से अधिक घायल हुए हैं। इसके अलावा, 12 लाख से अधिक लोग बेघर हो चुके हैं। ओवैसी ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि वह इस नरसंहार का विरोध क्यों नहीं कर रही। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जब गाजा में नरसंहार का इतिहास लिखा जाएगा, तब भारत के प्रधानमंत्री भी इसके लिए जिम्मेदार ठहराए जाएंगे। उन्होंने मांग की कि भारत को गाजा में स्वास्थ्य ढांचे के पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इजराइल को हथियारों का निर्यात बंद करना चाहिए।
वक्फ कानून पर भी सरकार को घेरा
ओवैसी ने प्रस्तावित वक्फ कानून पर भी सरकार को घेरा और इसे संविधान के अनुच्छेद 25, 26 और 14 का उल्लंघन करार दिया। उन्होंने कहा कि यदि सरकार इस कानून को मौजूदा स्वरूप में लागू करती है, तो इससे देश में सामाजिक अस्थिरता बढ़ सकती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुस्लिम समुदाय ने इस प्रस्तावित कानून को पूरी तरह खारिज कर दिया है और यदि इसे लागू किया जाता है तो देश में सभी वक्फ संपत्तियां खतरे में पड़ जाएंगी। उन्होंने कहा, ‘हम विकसित भारत चाहते हैं, लेकिन सरकार देश को 80 और 90 के दशक की शुरुआत की अस्थिरता की ओर ले जा रही है।’
मेरी संपत्ति को मुझसे कोई नहीं छीन सकता- ओवैसी
उन्होंने भावनात्मक अपील करते हुए कहा कि वक्फ संपत्तियां मुसलमानों की धार्मिक पहचान और पूजा का एक रूप हैं। उन्होंने कहा, ‘एक गौरवशाली भारतीय मुसलमान के रूप में, मैं अपनी मस्जिद का एक इंच भी नहीं खोऊंगा, अपनी दरगाह का एक इंच भी नहीं खोऊंगा। यह मेरी संपत्ति है, इसे मुझसे कोई नहीं छीन सकता।’
उन्होंने सरकार को आगाह करते हुए कहा कि यह मसला केवल कूटनीतिक बातचीत से हल नहीं होगा और मुसलमान अपने धार्मिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।