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5 Aug 2025, Tue

कभी कांग्रेस तो कभी रहे BJP के साथ, खटास के साथ राज्यपाल पद से हटे

नई दिल्ली, एजेंसी। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल और अनुभवी नेता सत्यपाल मलिक का मंगलवार को दिल्ली में निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में 79 वर्ष की आयु में अंति सांस ली। मलिक के निधन की खबर आने के साथ ही राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई। अलग-अलग सियासी दलों के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
ऐसे में सत्यपाल मलिक के व्यक्तिगत जीवन से लेकर राजनीतिक करियर को जानना जरूरी है। यह भी जानना अहम है कि आखिर उत्तर प्रदेश के एक छोटे से शहर से आने वाले मलिक कैसे राजनीति का ककहरा सीखते हुए भारतीय क्रांति दल से होते हुए कांग्रेस और फिर भाजपा के साथ आए। इसके बाद कैसे वे एक के बाद एक तीन अहम राज्यों के राज्यपाल रहे? हालांकि, पद छोड़ते-छोड़ते कई विवादों में घिरे और निधन से तीन महीने पहले तक सीबीआई से जुड़े एक केस में उनका नाम शामिल हो गया?
पहले जानें- कैसा था सत्यपाल मलिक का व्यक्तिगत जीवन
सत्यपाल मलिक का जन्म जुलाई 1946 में उत्तर प्रदेश के बागपत में आने वाले हिसावाड़ा गांव में हुआ था। उन्होंने मेरठ यूनिवर्सिटी से बीएससी की पढ़ाई की। इसी दौरान उन्होंने छात्र राजनीति में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था। इसके आगे उन्होंने कानून की पढ़ाई की और इसके बाद मुख्यधारा की राजनीति में शामिल हो गए।
जम्मू-कश्मीर राजभवन की वेबसाइट के मुताबिक, सत्यपाल मलिक 1965-66 में पहली बार राजनीति में राम मनोहर लोहिया की समाजवाद वाली विचारधारा से प्रभावित होकर उतरे थे। 1966-67 में छात्र राजनीति के जीवन में ही उन्होंने मेरठ कॉलेज स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद उनका कारवां जा पहुंचा मेरठ यूनिवर्सिटी (अब चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी) के छात्रसंघ चुनावों तक पहुंचा और वे छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए।

By Aryavartkranti Bureau

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