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10 Aug 2025, Sun

इस्राइल के गाजा पर कब्जे के फैसले पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव चिंतित, कहा- यह फलस्तीनियों के लिए बड़ा खतरा

संयुक्त राष्ट्र। इस्राइल के गाजा पर कब्जे के फैसले पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि अगर इस्राइल गाजा पर कब्जा कर लेता है तो फलस्तीनियों के लिए खतरा बढ़ जाएगा। यह फैसला एक खतरनाक वृद्धि की ओर इशारा कर रहा है। इससे लाखों फलस्तीनियों के लिए खतरा पैदा होगा। साथ ही शेष बंधकों सहित और भी लोगों की जान को खतरा पैदा कर सकता है।
महासचिव गुटेरेस ने कहा कि गाजा में फलस्तीनी भयावह मानवीय आपदा झेल रहे हैं। अब अगर गाजा इस्राइल पर कब्जा करता है तो जबरन विस्थापन, हत्याएं और व्यापक विनाश होगा। इससे गाजा में फलस्तीनी आबादी की अकल्पनीय पीड़ा और बढ़ जाएगी। उन्होंने स्थायी युद्धविराम, गाजा में निर्बाध मानवीय पहुंच और सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की अपनी अपील दोहराई। महासचिव ने एक बार फिर इस्राइल सरकार से अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपने दायित्वों का पालन करने के लिए कहा। उन्होंने याद दिलाया कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने 19 जुलाई 2024 की अपनी सलाहकार राय में यह घोषित किया था कि इस्राइल का दायित्व है कि वह सभी नई बस्तियां बसाने की गतिविधियों को तुरंत रोके और कब्जे वाले फलस्तीनी क्षेत्र से सभी बसने वालों को निकाले। साथ ही क्षेत्र में अपनी अवैध उपस्थिति को जल्द से जल्द समाप्त करे। गुटेरेस ने कहा कि इस अवैध कब्जे को समाप्त किए बिना और एक व्यवहार्य द्वि-राज्य समाधान की प्राप्ति के बिना इस संघर्ष का कोई स्थायी समाधान नहीं होगा। गाजा फलस्तीनी राज्य का एक अभिन्न अंग है और उसे बना रहना चाहिए। हाल ही में इस्राइली सुरक्षा परिषद ने गाजा पर कब्जे को मंजूरी दी थी। इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि कैबिनेट ने पांच सिद्धांतों को अपनाया है। इसमें हमास का निरस्त्रीकरण, शेष बचे सभी 50 बंधकों की वापसी, गाजा पट्टी का विसैन्यीकरण, गाजा पट्टी पर इस्राली सुरक्षा नियंत्रण और एक वैकल्पिक नागरिक सरकार का अस्तित्व। हालांकि लोगों ने सुरक्षा परिषद के फैसले का विरोध किया है। बंधकों के परिजनों को डर है कि लड़ाई तेज होने से वे अपने प्रियजनों को हमेशा के लिए खो देंगे। कई पूर्व शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने भी सरकार के कदम की आलोचना की है और साथ ही चेतावनी दी कि इससे सैन्य लाभ बहुत कम होगा, लेकिन इससे इस्राइल लंबे समय के लिए युद्ध की दलदल में फंस सकता है।

By Aryavartkranti Bureau

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