तेहरान। ईरान और इजरायल के बीच जंग में आधिकारिक तौर पर अमेरिका भी कूद गया है। अमेरिका ने भारतीय समयानुसार आज सुबह 4:30 बजे ईरान में 3 परमाणु ठिकानों पर हमला किया है। इनमें नतांज, फोर्दो और इस्फहान शामिल है। हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा कि फोर्दो खत्म हुआ। उन्होंने कहा कि सभी विमान सुरक्षित रूप से अपने घरों की ओर लौट गए हैं।
ट्रंप ने कहा, हमारे महान अमेरिकी योद्धाओं को बधाई। दुनिया में कोई और सेना नहीं है जो ऐसा कर सकती थी। अब शांति का समय है। उन्होंने कहा कि ईरान को अब इस युद्ध को समाप्त करने के लिए सहमत होना चाहिए। इसके बाद देश के नाम संबोधन में उन्होंने कहा, अब ईरान को शांति कायम करना चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करता है, तो उस पर और बड़े हमले किए जाएंगे।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, मैंने आपसे वादा किया था कि ईरान की परमाणु सुविधाएं किसी न किसी तरह से नष्ट कर दी जाएंगी। अभियान के बाद मैंने तुरंत ट्रंप को बधाई देने के लिए फोन किया। उन्होंने मुझे, हमारी सेना और हमारे लोगों को बधाई दी। राष्ट्रपति ट्रंप ताकत के साथ मुक्त दुनिया का नेतृत्व कर रहे हैं। वह इजरायल के बहुत अच्छे मित्र हैं, उनके जैसा कोई दूसरा नहीं है।
एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि ईरान के फोर्दो परमाणु संयंत्र पर 12 बंकर बस्टर बम गिराए गए। इसके लिए अमेरिका ने 6 बी-2 बमवर्षक विमानों को तैनात किया था। इसके अलावा नौसेना की पनडुब्बियों से ईरान के नतांज और इस्फहान परमाणु ठिकानों को निशाना बनाकर 30 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें दागी गईं। अधिकारी ने बताया कि बी-2 बमवर्षक विमान ने नतांज पर 2 बंकर बस्टर बम भी गिराए।
ईरान के संसद अध्यक्ष मोहम्मद बाघेर गालिबफ के सलाहकार महदी मोहम्मदी का कहना है कि ईरान को फोर्दो पर अमेरिकी हमले की आशंका थी। मोहम्मदी ने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा, इस जगह को बहुत पहले ही खाली करा लिया गया था और हमले में कोई ऐसा नुकसान नहीं हुआ है जिसकी भरपाई न की जा सके। 2 बातें पक्की हैं- पहली, ज्ञान पर बमबारी नहीं की जा सकती और दूसरी, इस बार जुआरी हार जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, हालात बहुत खतरनाक हो गए हैं और अब यह जंग तेजी से नियंत्रण से बाहर जा सकती है, जिसका बहुत बुरा असर आम लोगों, पूरे इलाके और दुनिया पर पड़ेगा। इस संकट की घड़ी में जरूरी है कि हम अराजकता और तबाही के इस सिलसिले को रोकें। इस हालात का कोई सैन्य समाधान नहीं है। कूटनीति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है और शांति एकमात्र उम्मीद है।
एक सूत्र के हवाले से कहा कि अमेरिका और इजरायल ने करीब एक साल पहले ईरान के खिलाफ आज रात के हमले का अभ्यास किया था। सूत्र ने कहा कि यह पहला अभ्यास था, जिसमें ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ आक्रामक हमले की प्रैक्टिस की गई थी। इस अभ्यास की योजना जो बाइडन प्रशासन के दौरान बनाई गई थी। सूत्र ने कहा, हमने एक साल पहले नहीं सोचा था कि यह अब होगा।