मोटापा एक वैश्विक स्वास्थ्य समस्या है, जो दिन-ब-दिन तेजी से बढ़ रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, साल 2022 तक दुनियाभर में एक अरब से अधिक लोग मोटापे से ग्रस्त थे, अगले एक दो दशकों में इससे प्रभावित लोगों की संख्या और भी अधिक हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी आयु के लोग इसका शिकार देखे जा रहे हैं। कई अध्ययन बच्चों में बढ़ते मोटापे की समस्या और इसके कारण भविष्य में बढ़ने वाली दिक्कतों को लेकर अलर्ट करते रहे हैं।
दुनियाभर में तेजी से बढ़ती मोटापे की समस्या और इसके कारण होने वाली स्वास्थ्य जटिलताओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने और मोटापा कम करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हर 4 मार्च को विश्व मोटापा दिवस मनाया जाता है। पहले यह 11 अक्टूबर को मनाया जाता था।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मोटापा केवल शरीर का वजन बढ़ने तक सीमित नहीं है, इसके कारण समय के साथ दिल, लिवर, किडनी, हड्डियों और मानसिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर हो सकता है। हृदय रोग, डायबिटीज और कैंसर जैसी समस्याओं से पीड़ित अधिकतर लोगों को मोटापाग्रस्त पाया जा रहा है।
मोटापा बढ़ने का क्या कारण है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 25 या उससे अधिक है तो ये सेहत के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
शरीर में फैट की मात्रा बढ़ना मोटापे का कारण बनता है। लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी, इसमें दोनों की भूमिका होती है। अधिक मात्रा में जंक और फास्ट फूड्स, तले-भुने खाद्य पदार्थ और मीठे पेय पदार्थ का सेवन मोटापे का सबसे बड़ा कारण है। मोटापे की स्थिति पर अगर ध्यान न दिया जाए तो आपको भविष्य में कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। आइए मोटापे के कारण होने वाली समस्याओं के बारे में जानते हैं।
हृदय की सेहत पर असर
मोटापे के कारण होने वाली प्रमुख बीमारियों में हृदय रोग प्रमुख हैं। मोटापा या अधिक वजन की स्थिति दिल की धमनियों में रुकावट पैदा करने लगती है, जिससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के विशेषज्ञों ने एक अध्ययन में पाया कि मोटे लोगों में दिल का दौरा पड़ने की आशंका चार गुना अधिक होती है। इतना ही नहीं हृदय रोगों के कारण होने वाली 44% मौतों के लिए मोटापा एक कारण हो सकता है। हृदय को स्वस्थ रखने के लिए वजन कम करना एक प्रभावी तरीका माना जाता रहा है।
डायबिटीज का हो सकता है खतरा
मोटापा की स्थिति हृदय रोगों के साथ-साथ डायबिटीज के खतरे को भी बढ़ाने वाली हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मोटापा शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध पैदा कर देता है, जिससे शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ने लगता है।
डब्ल्यूएचओ ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि टाइप-2 डायबिटीज के 70 फीसदी से अधिक मामले मोटापे के कारण होते हैं। इतना ही नहीं मोटापे की स्थिति डायबिटीज के शिकार लोगों की जटिलताओं को और भी बढ़ाने वाली हो सकती है।
मोटापा के कारण होने वाली इन समस्याओं के बारे में भी जानिए
हृदय रोग और डायबिटीज के अलावा भी मोटापे की स्थिति आपकी सेहत को कई प्रकार से प्रभावित करने वाली हो सकती है।
अध्ययनों से पता चलता है कि मोटापे से ग्रस्त लोगों में हाई ब्लड प्रेशर होने का खतरा 60% अधिक होता है।
मोटापा सांस की नली को संकरा कर देती है, जिससे सोते समय सांस लेने में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
शरीर का बढ़ा हुआ वजन जोड़ों पर दबाव डालता है, खासकर घुटनों और कूल्हों पर। मोटापे से ग्रस्त लोगों में गठिया का खतरा 60% तक अधिक होता है।
मोटापा शरीर में सूजन और हार्मोन असंतुलन पैदा करता है, जिससे कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अनुसार, मोटे लोगों की जीवन प्रत्याशा भी सामान्य लोगों की तुलना में कम होती है।