इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने मौलानाओं को झटका देते हुए नाबालिग लड़कियों से शादी पर रोक लगा दी है। इससे संबंधित बिल पर राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी साइन कर दिया है। जल्द ही पाकिस्तान की सरकार इसको लेकर गजट नोटिफिकेशन जारी करेगी।
जियो टीवी के मुताबिक शुक्रवार को जुमे की नमाज से पहले ही मौलानाओं को राष्ट्रपति जरदारी की तरफ से झटका दिया गया है। जरदारी ने उस बिल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिसमें नाबालिग लड़कियों से शादी को अपराध बताया गया है।
नाबालिग लड़कियों से शादी अपराध
पाकिस्तान सरकार के नए कानून के तहत अब 18 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी को अपराध माना जाएगा। शादी करने वाले और कराने वालों के खिलाफ दंड संहिता के नियमों के तहत कार्रवाई होगी।
शहबाज शरीफ की सरकार का कहना है कि यह फैसला देर से लिया गया है, लेकिन दुरुस्त लिया गया है। सरकार ने इसे महिलाओं के लिए लिया गया सबसे बेहतरीन फैसला बताया है। इस कानून के लागू होने से शरिया के तहत अब मौलवी नाबालिग लड़कियों की शादी नहीं करा पाएंगे। ऐसा करने पर मौलवियों के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। कानून के उल्लंघन करने पर 3 साल की सजा का प्रावधान है। इस्लाम के शरिया कानून के तहत शादी कराने का अधिकार निकाह रजिस्ट्रार और काजी को है।
पाकिस्तान के मौलवी कर रहे थे विरोध
पाकिस्तान में बाली उम्र में शादी को लेकर सरकार के इस फैसले का पुरजोर विरोध हो रहा है। विरोध का झंडा वहां के मौलवियों ने उठा रखा है। पाकिस्तान मुस्लिम काउंसिल ने तो बयान जारी कर कहा कि यह इस्लाम विरोधी है। काउंसिल के मुताबिक सरकार ने उनसे इस मसले में मशवरा करना भी जरूरी नहीं माना। काउंसिल को पूर्व गृह मंत्री फजल-उर रहमान और उनकी पार्टी जमात-ए-इस्लामी का समर्थन प्राप्त है। रहमान ने संसद में इस कानून का विरोध किया था। रहमान का कहना था कि इस कानून के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर जाएंगे। इसका असर देश की एकता और अखंडता पर पड़ेगी।
बाल वधु के हैरान करने वाले आंकड़े
यूनाइटेड नेशन (Women) के मुताबिक पाकिस्तान में करीब 1 करोड़ 90 लाख बाल वधु है। हर 6 में से एक लड़की की शादी 18 से पहले करा दी जाती है। यूएन ने पाकिस्तान से इन आंकड़ों को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। कर्ज देने वाली संस्था आईएमएफ ने भी इसको लेकर दबाव डाला था।
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