नई दिल्ली, एजेंसी। सावरकर के खिलाफ टिप्पणी के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। ये याचिका पंकज कुमुद चंद्र फडनिस ने दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए तर्क दिया कि इससे याचिकाकर्ता का मौलिक अधिकार प्रभावित नहीं हो रहा है। ऐसे में याचिका सुनवाई योग्य नहीं है और इसे खारिज किया जाता है।
दरअसल, राहुल गांधी के खिलाफ दायर की गई याचिका में ये मांग किया गया था कि स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े व्यक्तियों का सम्मान करना सबका मौलिक अधिकार है। लिहाजा, याचिका में कहा गया था कि सावरकर को लेकर जिस तरह की टिप्पणी राहुल गांधी ने किया है वो युवा वर्ग को प्रभावित कर सकता है। पर अदालत ने उनकी दलीलों में दम नहीं पाया।
याचिकाकर्ता का क्या कहना था
सुप्रीम कोर्ट में ये मामला चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की पीठ के सामने था। जस्टिस मसीह ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि राहुल गांधी के बयान से याचिकाकर्ता के किसी भी मौलिक अधिकार की अवहेलना नहीं हुई है। इस पर याचिकाकर्ता की दलील थी कि बतौर विपक्ष के नेता राहुल गांधी मौलिक कर्तव्यों की अनदेखी नहीं कर सकते।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिस अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका लगाई गई है, उसको तभी सुना जा सकता है जब याचिकाकर्ता के बुनियादी अधिकारी यानी मौलिक अधिकार की अनदेखी हुई हो। अदालत ने कहा कि अघर याचिकाकर्ता सावरकर से जुड़ी कोई चीज सिलेबस में शामिल कराना चाहते हैं तो उनको अपना मामला कोर्ट के सामने रखना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में ये मामला पंकज कुमुदचंद्र फडनिस बनाम लोकसभा में विपक्ष के नेता और अन्या नाम से सुना गया। सुप्रीम कोर्ट में एक बार पहले भी इस मामले पर सुनवाई हो चुकी है। तब अदालत ने सावरकर मामले में काफी अहम एक दूसरी टिप्पणी की थी।