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10 Jul 2025, Thu

स्ट्रेट ऑफ होर्मुज के बंद से भारत नहीं चीन को होगा तगड़ा नुकसान, डेली करता है इतना क्रूड ऑयल इंपोर्ट

ईरान और इजराइल की बीच जंग दिन-प्रतिदन गहराती जा रही है। मिडिल ईस्ट में तनाव को शुरू हुए 10 दिन से ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन दोनों देशों में से कोई पीछे हटने को तैयार नहीं है। अमेरिका भी जंग में कूद गया, जिसके बाद ईरानी संसद ने स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद करने का फैसला कर डाला। हालांकि, इस पर अंतिम मुहर लगनी अभी बाकी है। लेकिन, अगर यह खाड़ी बंद होती है, तो इसका सबसे ज्यादा नुकसान भारत को नहीं बल्कि चीन को होगा। आइए आपको बताते हैं कि इसी संकरे से रास्ते के जरिए चीन की लाइफ-लाइन कैसे चलती है। बंद से उसे क्यों और कितना नुकसान होगा।
22 जून 2025 में ईरान की संसद ने स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद करने का फैसला कर डाला, जिसके बाद से क्रूड ऑयल के दामों को लेकर फिर से एक बार चर्चा शुरू हो गई। जाहिर है अगर यह खाड़ी बंद होती है, तो चीन जैसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों को भी इसकी मार झेलनी पड़ सकती है। क्रूड ऑयल के दामों में आग लगने की आशंका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस खाड़ी से भारत के लिए डेली 20 लाख बैरल क्रूड ऑयल आता है, जिसका असर भारतीय तेल बाजार पर भी देखने को मिल सकता है। हालांकि, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसको लेकर कहा है कि होर्मुज के बंद होने से देश को कोई नुकसान नहीं होगा। हमारे पास कई हफ्तों के लिए तेल है।
चीन को होगा इतना नुकसान
भारत ने इससे निपटने के लिए अपनी तैयारियां पहले से कर ली थीं। दूसरे विकल्पों की ओर देश ने रुख कर लिया था। लेकिन, होर्मुज की खाड़ी के बंद होने की मार सबसे ज्यादा चीन को झेलनी होगी। क्योंकि चीन दुनिया का सबसे बड़ा तेल आयातक देश है। यूएस एनर्जी इन्फॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, 2024 में यह प्रतिदिन 4।3 मिलियन बैरल कच्चे तेल का प्रोडक्शन करता था और 11।1 मिलियन बैरल का आयात करता था। चीन के कुल तेल आयात का लगभग 45% हिस्सा होर्मुज जलडमरूमध्य से ही होकर गुजरता है। अगर यह खाड़ी बंद होती है, तो इसका नुकसान सबसे ज्यादा चीन को ही होगा। ईरान की संसद की ओर होर्मुज खाड़ी को बंद करने के फैसला लेने के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी चीन को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा कि हम होर्मुज के लेकर चाइना से बात करेंगे क्योंकि वह इस खाड़ी के ऊपर काफी डिपेंड हैं।

By Aryavartkranti Bureau

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