महाकुंभनगर। विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन महाकुंभ आस्था और अर्थव्यवस्था के गहरे संबंध को भी दर्शा रहा है। इससे प्रदेश ही नहीं, देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है। महाकुंभ 2025 ने अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआइटी) के अनुसार, इस बार का महाकुंभ 3.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाला है। यह भारत के सबसे बड़े आर्थिक आयोजनों में एक है। सीएआइटी महासचिव और सांसद प्रवीन खंडेलवाल की राय में आयोजन आस्था और अर्थव्यवस्था का संगम बन चुका है।
देशभर में इस आयोजन को लेकर अभूतपूर्व उत्साह है। मेले को सिर्फ एक दिन ही बचा है। 26 फरवरी तक 65 से 66 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। इससे कुल व्यापार 3.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की संभावना है। अयोध्या, वाराणसी, विंध्याचल, चित्रकूट व मैहर समेत अन्य धार्मिक स्थलों पर भी श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हुई है, इससे वहां स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है। केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रयागराज में सड़क, फ्लाईओवर और अंडरपास के निर्माण एवं सुधार पर लगभग 33 हजार करोड़ खर्च किए हैं। अयोध्या, वाराणसी, चित्रकूट, विंध्याचल धाम की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिली है। भारत का सबसे बड़ा आर्थिक आयोजन हुआ।
महाशिवरात्रि पर शिवालयों में रातभर चलेगा अनुष्ठान
महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि को लेकर हर किसी में उत्साह है। त्रिवेणी संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। तीर्थराज के प्राचीन शिवालयों में दर्शन-पूजन का विशेष प्रबंध किया गया है।
श्रीमनकामेश्वर महादेव, ऋणमुक्तेश्वर महादेव, शिवकोटि, गंगोली शिवालय, दशाश्वमेध महादेव, पंचमुखी महादेव, कोटेश्वर महादेव सहित हर शिवालय में बुधवार की सुबह से दर्शन-पूजन आरंभ हो जाएगा। मनकामेश्वर महादेव मंदिर में भोर से लेकर रातभर जप-तप चलेगा।