प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में भले ही मानसून अपनी विदाई की ओर है, लेकिन जाते जाते कहर बरपा रहा है। बुधवार को लगातार 11 घंटे हुई बारिश की वजह से नदी नालों में बाढ़ की स्थिति तो बनी ही, कई शहरों की सड़कों पर कहीं घुटने भर तो कहीं डूबने भर पानी भर गया है। ऐसे में आगरा समेत कई अन्य शहरों के अंदर नाव चलाने की नौबत आ गई है। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के 60 से अधिक जिलों में जन जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
प्रयागराज समेत कई जिलों में तो ऐसी स्थिति बन गई है, लोग ग्राउंड फ्लोर छोड़ कर पहली मंजिल पर शरण लिए हैं। उत्तर प्रदेश में राजस्व विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक बीते 12 घंटे में करीब 23।4 एमएम बारिश हुई है। राज्य के 60 से अधिक जिलों में बारिश का यह औसत करीब 482 फीसदी से भी अधिक है। राजस्व विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में सबसे ज्यादा बारिश हमीरपुर जिले में दर्ज हुई है। यहां सितंबर महीने में महज 4।7 एमएम औसत बारिश का रिकार्ड है, लेकिन इस बार सारे रिकार्ड ध्वस्त करते हुए 3240 फीसदी ज्यादा यानी 137 एमएम तक बारिश हुई।
प्रयागराज में 10 हजार घर डूबे
कुछ ऐसे ही हालत आगरा में भी बने। यहां लगातार 11 घंटे हुई बारिश की वजह से शहर की लगभग सभी सड़कें लबालब हो गईं। वहीं नीचले इलाके में कहीं घुटने भर तो कहीं कमर तक पानी भर गया। उधर, प्रयागराज में इस बारिश की वजह से गंगा और यमुना दोनों ही नदियां तांडव मचाने को तैयार हैं। अब तक करीब 10 हजार घर बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। इन घरों में लोग या तो पलायन कर गए हैं या फिर पहली मंजिल पर शरण लिए हैं। जबकि भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा में राहत मिलती नजर नहीं आ रही।
खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं नदियां
यहां लगातार बारिश की वजह से एक कच्चा मकान ढह गया। इससे महिला की मौत हो गई। हालात उन्नाव, कानपुर, बलिया, गोरखपुर और देवरिया में भी बहुत खराब है। चित्रकूट में मंदाकिनी नदी ने रामघाट को डूबो दिया है। हालात यहां तक आ गए हैं कि रामघाट से दूर सड़क पर पूजा पाठ कर रहे हैं। राजस्व विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक यमुना, गंगा, घाघरा, शारदा समेत सभी नदियां ना केवल खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, बल्कि कई जगह इन नदियों ने आबादी क्षेत्र में तबाही भी मचाना शुरू कर दिया है।