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22 May 2025, Thu

12 बैंक और 1.78 लाख करोड़, एक साल में बन गया कमाई का सबसे बड़ा रिकॉर्ड

भारत और पाकिस्तान के टकराव के बीच एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। वास्तव में बैंकों ने एक वित्त वर्ष में कमाई का बड़ा रिकॉर्ड कायम किया है। आज तक किसी एक वित्त वर्ष में बैंकों को इतना मुनाफा कभी नहीं हुआ है, जितना बीते वित्त वर्ष में हुआ। अगर बैंकों के प्रॉफिट को मिनट के हिसाब से कैलेकुलेट करें तो करीब 34 लाख रुपए नेट प्रॉफिट देखने को मिला है। जबकि उससे पहले के वित्त वर्ष में बैंकों को हरेक मिनट का प्रॉफिट करीब 27 लाख रुपए था। इसका मतलब है कि बैंकों के प्रति मिनट प्रॉफिट में करीब 7 लाख रुपए का इजाफा देखने को मिला है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर देश के सरकारी बैंकों के प्रॉफिट के आंकड़े किस तरह के देखने को मिले हैं।
एसबीआई सबसे आगे
पिछले वित्त वर्ष (2024-25) में पब्लिक सेक्टर के बैंकों (पीएसबी) का कुल मुनाफा 26 फीसदी की सालाना वृद्धि के साथ 1।78 लाख करोड़ रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। वित्त वर्ष 2023-24 में सभी 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का लाभ 1।41 लाख करोड़ रुपए रहा था। वित्त वर्ष 2024-25 में सभी पीएसबी का कुल लाभ लगभग 37,100 करोड़ रुपए बढ़ा। शेयर बाजारों पर प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष के दौरान अर्जित 1,78,364 करोड़ रुपए के कुल लाभ में से, देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने अकेले कुल कमाई में 40 फीसदी से अधिक का योगदान दिया। एसबीआई का मुनाफा पिछले वित्त वर्ष में 70,901 करोड़ रुपए का रहा, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 61,077 करोड़ रुपए की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक है।
पीएनबी भी किसी मामले में कम नहीं
प्रतिशत के लिहाज से, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने सर्वाधिक 102 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 16,630 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जिसके बाद पंजाब एंड सिंध बैंक का शुद्ध लाभ 71 प्रतिशत बढ़कर 1,016 करोड़ रुपए हो गया। वर्ष 2024-25 के दौरान, सभी 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) का लाभ बढ़ा है। जिन बैंकों के शुद्ध लाभ में 40 प्रतिशत से अधिक की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई, उनमें सेंट्रल बैंक इंडिया का शुद्ध लाभ 48.4 प्रतिशत बढ़कर 3,785 करोड़ रुपए हो गया, जबकि यूको बैंक का शुद्ध लाभ 47.8 प्रतिशत बढ़कर 2,445 करोड़ रुपए और बैंक ऑफ इंडिया का शुद्ध लाभ 45.9 प्रतिशत बढ़कर 9,219 करोड़ रुपए हो गया। पिछले वित्त वर्ष में पुणे स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्र का शुद्ध लाभ 36.1 प्रतिशत बढ़कर 5,520 करोड़ रुपए हो गया, जिसके बाद चेन्नई स्थित इंडियन बैंक का शुद्ध लाभ 35.4 प्रतिशत बढ़कर 10,918 करोड़ रुपए हो गया। पीएसबी ने वित्त वर्ष 2017-18 में 85,390 रुपए के रिकॉर्ड घाटे से उबरकर वित्त वर्ष 2025 में रिकॉर्ड लाभ कमाया है।
बैंकिंग सेक्टर में कैसे आया बड़ा बदलाव?
पब्लिक सेक्टर के बैंकिंग उद्योग की इस क्रांतिकारी बदलाव की कहानी का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा की गई पहल और सुधारों को दिया जा सकता है, साथ ही पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली, उनकी उत्तराधिकारी निर्मला सीतारमण और वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार और उनके उत्तराधिकारियों को भी इसका श्रेय दिया जा सकता है। सरकार ने एक व्यापक 4आर रणनीति लागू की है। इसके तहत फंजे कर्ज (एनपीए) की पारदर्शी पहचान, समाधान और वसूली, पीएसबी का पुनर्पूंजीकरण, तथा वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार हैं। रणनीति के तहत सरकार ने पिछले पांच वित्त वर्षों – 2016-17 से 2020-21 तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुनर्पूंजीकरण के लिए अभूतपूर्व रूप से 3,10,997 करोड़ रुपए डाले। पुनर्पूंजीकरण कार्यक्रम ने पीएसबी को बहुत ज़रूरी सहायता प्रदान की और उनकी ओर से किसी भी तरह की चूक की संभावना को रोका।

By Prabhat Pandey

प्रभात पांडेय आर्यावर्तक्रांति दैनिक हिंदी समाचार और दिशा एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक हैं। निष्पक्ष पत्रकारिता, सामाजिक सेवा, शिक्षा और कल्याण के माध्यम से सामाजिक बदलाव लाने वाले प्रभात पांडेय प्रेरणा और सकारात्मकता के प्रतीक हैं।

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