नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के मेंढर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान शाह ने कहा कि 1947 के बाद से पाकिस्तान के खिलाफ लड़े गए हर युद्ध में, इसी भूमि, जम्मू-कश्मीर के सैनिकों ने भारत की रक्षा की है। उन्होंने कहा कि 1990 के दशक में जब फारूक अब्दुल्ला के सौजन्य से आतंकवाद ने प्रवेश किया, तो यह मेरे पहाड़ी, गुर्जर और बकरवाल भाई ही थे जिन्होंने सीमाओं पर बहादुरी से गोलियों का सामना किया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि ये चुनाव, जम्मू-कश्मीर में तीन परिवारों का शासन समाप्त करने वाला है। अब्दुल्ला परिवार, मुफ्ती परिवार और नेहरू-गांधी परिवार… इन तीनों परिवारों ने यहां जम्हूरियत को रोक कर रखा था। अगर 2014 में मोदी जी की सरकार न आती तो पंचायत, ब्लॉक, जिले के चुनाव नहीं होते।
शाह ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर में अब्दुल्ला, मुफ्ती और नेहरू-गांधी परिवार ने 90 के दशक से लेकर अब तक दशहतगर्दी फैलाई। आज नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने जम्मू-कश्मीर से दशहतगर्दी को समाप्त किया है। यहां के युवाओं के हाथ में पत्थर की जगह लैपटॉप दिया है। उन्होंने कहा कि मोदी के आने बाद ओबीसी, पिछड़ों, गुर्जर बकरवाल और पहाड़ियों को आरक्षण मिला। जब मैंने बिल पेश किया, तो फारूक अब्दुल्ला की पार्टी ने विरोध किया और यहां गुर्जर भाइयों को भड़काना शुरू किया। जब मैं राजौरी आया था, तब मैंने वादा किया था कि हम गुर्जर भाइयों के आरक्षण को कम नहीं करेंगे और पहाड़ियों को भी आरक्षण देंगे… और हमने आपना वो वादा निभाया।
कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस पर वार करते हुए शाह ने कहा कि इन लोगों ने कहा है कि हम आरक्षण समाप्त करेंगे, जबकि हम (भाजपा) कह रहे हैं कि हम प्रमोशन में भी गुर्जर बकरवाल और पहाड़ियों को आरक्षण देंगे। उन्होंने कहा कि 90 के दशक में जम्मू कश्मीर में कितनी गोलीबारी होती थी, याद है न आपको… अब गोलीबारी होती है क्या? पहले यहां गोलीबारी इसलिए होती थी, क्योंकि पहले यहां के आका पाकिस्तान से डरते थे, अब पाकिस्तान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी से डरता है। इनकी हिम्मत नहीं है गोलीबारी करने की और अगर इन्होंने गोलीबारी की तो गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा।