ढाका, एजेंसी। बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं पर अत्याचार का विरोध अब भारत तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि पूरी दुनिया तक फैलने लगा है। भारत शेख हसीना के पतन से ही बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा का मुद्दा उठा रहा है। देश में तो प्रदर्शन हो ही रहा है, विदेशों में भी आवाज उठने लगी है। अमेरिका में लोग सड़क पर उतरे और विरोध प्रदर्शन किया।
करीब 500 भारतीय अमेरिकी हिंदुओं ने शिकागो के कौरोल स्ट्रीम इलिनोइस के राना रेगन सेंटर में बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया। विरोध करने वाले इसी समूह ने दो महीने पहले हिंदुओं के खिलाफ हुए हिंसा के विरोध में एक शांतिपूर्ण रैली भी की थी।
शिकागो के भारतीय सीनियर्स के अध्यक्ष हरिभाई पटेल ने इस कार्यक्रम में आए सभी लोगों का स्वागत किया और बताया कि कैसे बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों को नष्ट किया जा रहा है और हिंदुओं की हत्या की जा रही है।
बांग्लादेश के हालातों से किया जागरुक
शिकागो काली बारी के डॉ। राम चक्रवर्ती ने बांग्लादेश में हिंदुओं की मौजूदा स्थिति के बारे में बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि हम 1948, 1971 और 1975 में चुप थे। यहां तक कि सेना और पुलिस भी युवा लड़कियों और लड़कों को उठा रही है और उनका जबरन धर्म परिवर्तन करवा रही है। हर बार हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। बाद में उन्होंने कहा कि हम हिंदुओं को ‘हिंदू देश’ चाहिए।NFIA की डॉ। रश्मि पटेल ने कहा कि हमें अमेरिकी राष्ट्रपति को संदेश भेजकर बताना चाहिए कि यह बांग्लादेश में चल रहा सबसे बड़ा हिंदू नरसंहार है। अमेरिका भर के हिंदुओं को इस मुद्दे पर अपने कांग्रेसी और सीनेटर से संपर्क करना चाहिए।
“हिंदुओं की आबादी हो रही कम”
डॉ।भारत बरई ने कहा कि 1947 में पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी 12 फीसद थी, जो अब 2 से 3 फीसद रह गई है। बांग्लादेश में यह 33 फीसद थी, जो अब 6 फीसद रह गई है। या तो उन्हें मारा जा रहा है या उनका धर्म परिवर्तन किया जा रहा है और अन्य कारणों की भी जांच होनी चाहिए। हालांकि उन्होंने ये आंकड़ा देते हुए किसी रिपोर्ट का हवाला नहीं दिया है।
जब ट्रंप कर सकते हैं, तो हमारे नेता क्यों नहीं?
उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका के हिंदू समुदाय की ओर से हमें भारत सरकार से अपील करनी चाहिए कि वह बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सताए गए सभी हिंदुओं को वहां रहने की अनुमति दे और सभी रोहिंग्या और अवैध रूप से रह रहे लोगों को उनके देश वापस भेज दे। अगर राष्ट्रपति ट्रंप कह सकते हैं कि वे सभी अवैध रूप से रह रहे लोगों को वापस भेज देंगे, तो हमारे नेता ऐसा करने से क्यों डरते हैं। धर्मनिरपेक्षता एक तरफा होती जा रही है। इसके अलावा सभा में आए लोगों ने नारे लगाए और हिंदुओं के हित में खड़े होने का संकल्प लिया।