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21 Jun 2025, Sat

UAE सद्भाव का हब, प्रेम से जीने का मतलब बताया…दुबई में न्यूज9 ग्लोबल समिट में बोले पूज्य ब्रह्मविहारी स्वामीजी

दुबई, एजेंसी। दुबई में आयोजित न्यूज9 ग्लोबल समिट में बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था यानी BAPS स्वामीनारायण संस्था के पूज्य ब्रह्मविहारी स्वामीजी ने गुरुवार को बंटी हुई दुनिया में शांति और एकता का सच्चा प्रतीक बनने के लिए संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की प्रशंसा की। “यूएई: शांति और सद्भाव का एक उदाहरण” शीर्षक वाले एक विशेष सत्र में बोलते हुए स्वामीजी ने कहा कि इस दुनिया में हमारी मानवता के सामंजस्यपूर्ण बने रहने से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ नहीं हो सकता।
उन्होंने नीति निर्माताओं, अर्थशास्त्रियों और व्यापार जगत के नेताओं के बीच उन्होंने कहा कि भले ही तकनीक और व्यापार आगे बढ़ रहे हों, लेकिन सद्भाव और सह-अस्तित्व की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा है। स्वामीजी ने कहा, ‘यूएई सद्भाव का केंद्र बन गया है। ऐसे समय में जब देश विभाजित हो रहे हैं और धर्म आपस में सिमट रहे हैं, यूएई ने दिखाया है कि सहिष्णुता और प्रेम के साथ जीने का क्या मतलब है।’
स्वामीजी ने 2018 का अपना अनुभव शेयर किया
स्वामीजी ने कहा कि मजबूत समाज या व्यवसाय के निर्माण में वित्तीय पूंजी जितनी ही महत्वपूर्ण मानव पूंजी है। उन्होंने 200 से ज्यादा राष्ट्रीयताओं को एक साथ लाने के लिए यूएई की प्रशंसा की, जिससे अलग-अलग धर्मों और पृष्ठभूमि के लोगों को सम्मान और समानता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने का मौका मिला। उन्होंने 2018 का अपना अनुभव साझा किया, जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद के सामने हिंदू मंदिर बनाने का विचार पेश किया था। स्वामीजी ने कहा, ‘मैंने उन्हें दो विकल्प दिखाए, एक साधारण इमारत और एक पारंपरिक पत्थर का मंदिर। महामहिम ने जवाब दिया, अगर यह मंदिर है, तो यह मंदिर जैसा दिखना चाहिए। मैं आऊंगा। मेरे बच्चे और नाती-नातिन आएंगे।’
यूएई एक ऐसी जगह है जहां पनपती है विविधता- स्वामीजी
स्वामीजी ने यह भी बताया कि कैसे अबू धाबी में मंदिर भारत की विविधता और यूएई के खुलेपन का प्रतीक बन गया है, जहां एक मुस्लिम राजा ने जमीन दी, एक ईसाई कैथोलिक वास्तुकार ने डिजाइन का नेतृत्व किया, एक सिख ने प्रोजेक्ट का प्रबंधन किया, एक बौद्ध ने नींव पर काम किया और जैन और यहां तक कि गैर-धार्मिक पृष्ठभूमि के लोग भी इसमें शामिल थे। उन्होंने कहा, ‘यह मंदिर इस बात का सबूत है कि संस्कृतियां और धर्म एक साथ रह सकते हैं और एक-दूसरे को महत्व दे सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि यूएई में सद्भाव केवल महलों या नेताओं तक सीमित नहीं है, यह सड़कों पर, रोजमर्रा की बातचीत में और लोगों द्वारा एक-दूसरे के प्रति दिखाए जाने वाले सम्मान में भी महसूस किया
जाता है।
दुबई में प्रतिष्ठित ताज बिजनेस बे में आयोजित शिखर सम्मेलन में भारत और यूएई के प्रमुख मंत्री, नीति निर्माता और उद्योग जगत के नेता एक साथ आए। इस कार्यक्रम का व्यापक विषय था “भारत-यूएई: पार्टनरशिप फॉर प्रोस्पेरिटी एंड प्रोग्रेस।” इस कार्यक्रम का उद्देश्य व्यापार, स्वच्छ ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, प्रौद्योगिकी और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत करना था।

By Prabhat Pandey

प्रभात पांडेय आर्यावर्तक्रांति दैनिक हिंदी समाचार और दिशा एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक हैं। निष्पक्ष पत्रकारिता, सामाजिक सेवा, शिक्षा और कल्याण के माध्यम से सामाजिक बदलाव लाने वाले प्रभात पांडेय प्रेरणा और सकारात्मकता के प्रतीक हैं।