नई दिल्ली, एजेंसी। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि एसआईआर का फेज-1 खत्म हो गया है, अब इसका दूसरा चरण शुरू होगा। बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण सफल तरीके से किया गया है। विशेष गहन पुनरीक्षण का उद्देश्य मतदाता सूची में सुधार करना और इसमें नए मतदाताओं का समावेश करना है। इसमें नामों की जांच, पुराने मतदाताओं की पुष्टि, और आवश्यक संशोधन शामिल होंगे। आयोग ने बताया कि यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष होगी। एसआईआर के तहत मतदाता सूची में त्रुटियों को दूर कर नए मतदाताओं को शामिल किया जाएगा, जिससे चुनावों में अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
ये राज्य पहले चरण में होंगे शामिल
हालांकि, अभी तक पूरी जानकारी सार्वजनिक नहीं हुई है, लेकिन अधिकारियों के अनुसार पहले चरण में 10 से 15 राज्य शामिल होंगे। इनमें ऐसे राज्य होंगे, जहां 2026 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इन राज्यों में तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुद्दुचेरी शामिल हैं। एसआईआर में मतदाता सूची की संपूर्ण समीक्षा की जाएगी और आवश्यक संशोधन किए जाएंगे। भारतीय निर्वाचन आयोग ने देशभर में एसआईआर अभियान की तैयारियां की तैयारी में है। ईसी के शीर्ष अधिकारियों ने हाल ही में सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के साथ बैठक की है।
क्यों जरूरी SIR, मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया
चुनाव आयोग ने कहा कि मतदाता सूची की शुद्धिकरण का काम 21 साल पहले 2002-04 में हुआ था। उन्होंने कहा कि इतने सालों में वोटर लिस्ट में कई बदलाव जरूरी हो जाते हैं। लोगों का पलायन होता है। इससे एक से ज्यादा जगह वोटर लिस्ट में नाम रहता है। निधन के बाद भी कई लोगों को नाम लिस्ट में रह जाता है। यही कारण है कि वोटर लिस्ट का शुद्धिकरण जरूरी होता है। बिहार में इसी के मद्देनजर पहला चरण पूरा किया गया। फाइनल मतदाता सूची प्रकाशित करने के बाद अगर किसी को कोई शिकायत रहती है तो वह पहले डीएम को अपील कर सकता है और उसके बाद CEO को दे सकते है।

