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12 Nov 2025, Wed

पेटीएम का दूसरी तिमाही में नेट प्रॉफिट बढक़र 211 करोड़ हुआ, रेवेन्यू में 24 फीसदी की बढ़ोतरी

नई दिल्ली ,05 नवंबर। लीडिंग पेमेंट्स और फाइनेंशियल सर्विसेज प्रोवाइडर पेटीएम ने मंगलवार को 30 सितंबर को खत्म हुई तिमाही (द्वितीय तिमाही वित्त वर्ष 2026) के वित्तीय परिणामों की घोषणा की, जिसमें सभी प्रॉफिटेबिलिटी मेट्रिक्स में लगातार सुधार देखने को मिला। कंपनी का ऑपरेटिंग रेवेन्यू पिछले साल के मुकाबले 24 फीसदी बढक़र 2,061 करोड़ रुपए हो गया। इसकी वजह सब्सक्रिप्शन मर्चेंट्स में बढ़ोतरी, ज्यादा पेमेंट्स जीएमवी और फाइनेंशियल सर्विसेज के डिस्ट्रीब्यूशन में ग्रोथ है।
ईबीआईटीडीए 7 फीसदी मार्जिन के साथ बढक़र 142 करोड़ रुपए हो गया, यह एआई-लेड ऑपरेटिंग लेवरेज, कॉस्ट पर लगातार डिसिप्लिन और फेस्टिव सीजन की शुरुआती की तेजी को दिखाता है। पेटीएम ने 21 करोड़ रुपए का प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (पीएटी) बताया है, जिसमें शेयरहोल्डर लोन के पूरे इम्पेयरमेंट के लिए 190 करोड़ रुपए का वन-टाइम चार्ज शामिल है।
इसके अलावा, पीएटी बढक़र 211 करोड़ रुपए हो गया, जो चुनौतीपूर्ण मैक्रो वातावरण में कंपनी की अंतर्निहित ताकत और कुशल निष्पादन को दर्शाता है। कंट्रीब्यूशन प्रॉफिट की अगर हम बात करें तो, यह साल-दर-साल 35 परसेंट बढक़र 1,207 करोड़ रुपए हो गया और मार्जिन बढक़र 59 परसेंट हो गया। इसकी वजह नेट पेमेंट रेवेन्यू, फाइनेंशियल सर्विसेज रेवेन्यू में ज्यादा हिस्सेदारी और कम डायरेक्ट खर्चों को माना जा रहा है।
पेटीएम के कैश बैलेंस की बात करें तो यह 13,068 करोड़ रुपए था, जिससे मर्चेंट एक्सपेंशन, फाइनेंशियल सर्विसेज डिस्ट्रीब्यूशन और एआई-ड्रिवन इनोवेशन में इन्वेस्ट करने के लिए काफी कैपिटल फ्लेक्सिबिलिटी मिलती है। अपने पेमेंट्स बिजनेस में, दूसरे ऑपरेटिंग इनकम को मिलाकर रेवेन्यू सालाना आधार पर 25 प्रतिशत बढक़र 1,223 करोड़ रुपए हो गया, क्योंकि कंपनी ने भारत के एमएसएमई और एंटरप्राइजेज में अपनी लीडरशिप को और मजबूत किया है।
ग्रॉस मर्चेंडाइज वैल्यू (जीएमवी) सालाना आधार पर 27 प्रतिशत बढक़र 5.67 लाख करोड़ रुपए हो गई, जबकि मर्चेंट सब्सक्रिप्शन 1.37 करोड़ तक पहुंच गया, जो पिछले साल की तुलना में 25 लाख अधिक है। इससे पेटीएम की ओम्नी-चैनल मर्चेंट पेमेंट्स में अग्रणी स्थिति मजबूत हुई है। तिमाही में भारत का पहला एआई साउंडबॉक्स लॉन्च करके पेटीएम ने अपनी एआई-फर्स्ट विजन को और मजबूत किया है।
इसके साथ ही पेटीएम की लागत संरचना कम और अधिक कुशल हो गई, जिसमें अप्रत्यक्ष व्यय साल-दर-साल 18 फीसदी कम हुए। कंपनी के अनुसार, मार्केटिंग लागत साल-दर-साल 43 प्रतिशत घटी, भले ही पेटीएम ने अपने व्यापारी आधार का विस्तार किया और टियर 2 के साथ ही टियर 3 शहरों में अपनी उपस्थिति मजबूत की।

By Aryavartkranti Bureau

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