नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मंगलवार को चंडीगढ़ में तीनों नए आपराधिक देश को समर्पित करते हुए कहा कि आजादी के 7 दशकों में न्याय व्यवस्था में अब बड़ा बदलाव आ गया है। तीनों नए कानूनों से इस दिशा में देश में बड़े सुधार लागू होंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस अब किसी को अपनी मर्जी से हिरासत में नहीं ले सकेगी। परिवार को पहले सूचित करना होगा। नागरिक अधिकारों को सुरक्षित रखा गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऐसे समय में जब देश विकसित भारत का संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है तब संविधान की भावना से प्रेरित भारतीय न्याय संहिता के प्रभाव का आरंभ होना बहुत अहम है।
अब कानून के लिए सिटिजन फर्स्ट
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता का मूल मंत्र है- सिटिजन फर्स्ट। ये कानून नागरिक अधिकारों के रक्षक बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि नए आपराधिक कानून Ease of justice का आधार बन रहे हैं। पहले FIR करवाना भी कितना मुश्किल होता था लेकिन अब जीरो FIR को भी कानूनी रूप दे दिया गया है। उन्होंने कहा कि देश के नागरिकों के लिए हमारे संविधान ने जिन आदर्शों की कल्पना की थी, उन्हें पूरा करने की दिशा में ये ठोस प्रयास है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन कानूनों को बनाने में हर कानून का व्यावहारिक पक्ष देखा गया है तब भारतीय न्याय संहिता इस स्वरूप में हमारे सामने आई है। उन्होंने नये कानून बनाने में सुप्रीम कोर्ट का, न्यायाधीशों और देश के सभी हाई कोर्ट का विशेष आभार प्रकट किया है।