नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एसिड अटैक पीड़िताओं से संबंधी याचिका पर केंद्र सरकार और 11 राज्यों से जवाब मांगा है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें एसिड अटैक पीड़िताओं को ज्यादा मुआवजा देने की मांग की गई है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और 11 राज्यों को निर्देश दिया है कि वे इस पर जवाबी हलफनामा दाखिल करें। अभी प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से महिला एसिड अटैक पीड़िताओं को एक लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है।
केंद्र सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में बताया कि वे खनिज संपन्न राज्यों से खनिज अधिकारों, खनिज युक्त भूमि पर रॉयल्टी और कर बकाया की वसूली के मुद्दे पर बातचीत कर रहे हैं और इसे सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। जस्टिस अभय एस ओक, जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस उज्जल भुइंया की विशेष पीठ ने मामले पर सुनवाई 14 अप्रैल तक के लिए टाल दी है। केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता अदालत में पेश हुए और कहा कि सरकार इस मुद्दे में समझौते का प्रयास कर रही है। गौरतलब है कि 25 जुलाई 2024 को नौ जजों की संवैधानिक पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि राज्य के खनिज संसाधनों पर राज्य का हक है न कि केंद्र सरकार का। इसी आधार पर झारखंड सरकार 1 अप्रैल 2005 तक की समयसीमा के लिए केंद्र सरकार से हजारों करोड़ रुपये के बकाये की मांग कर रही है।
एसिड अटैक पीड़िताओं को अधिक मुआवजा देने की मांग, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब
