नई दिल्ली। राज्यसभा में सोमवार को कर्नाटक में सरकारी ठेकों में मुस्लिमों को आरक्षण देने के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। सदन में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर एक के बाद एक आरोप लगाए। जिनका कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने जवाब दिया। खरगे के जवाब के बाद भी हंगामा जारी रहा। इसके बाद कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू को बोलने का मौका दिया। रिजिजू ने कहा कि एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता जो सांविधानिक पद पर हैं, ने कहा है कि पार्टी मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए संविधान बदल देगी। हम इस बयान को हल्के में नहीं ले सकते। यह बयान किसी आम पार्टी नेता की ओर से नहीं बल्कि सांविधानिक पद पर बैठे किसी व्यक्ति की ओर से आया है। यह बेहद गंभीर है।
नड्डा ने भी लगाए आरोप
सदन के नेता और केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस संविधान को टुकड़े-टुकड़े कर रही है। डॉ.आंबेडकर ने भारतीय संविधान बनाते समय स्पष्ट रूप से कहा था कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जाएगा। यह भारत के संविधान का एक स्वीकृत सिद्धांत है। कर्नाटक सरकार ने अल्पसंख्यकों को सार्वजनिक अनुबंधों में चार प्रतिशत आरक्षण दिया है। इस पर उन्होंने खरगे से बयान देने की मांग की।
मुस्लिम आरक्षण के मसले पर संसद में रार, नड्डा-रिजिजू ने कांग्रेस से मांगी सफाई, खरगे ने दिया जवाब
