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6 Dec 2024, Fri

लखीमपुर खीरी मामले के 12 आरोपियों को जमानत देते वक्त अदालत ने क्या-क्या कहा?

प्रयागराज। साल 2021 में लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा सुर्खियों में बनी हुई थी। इस केस पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस केस में 12 अन्य आरोपियों को जमानत दे दी। लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में 8 लोगों की मौत हुई थी, इस मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी थे।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस कृष्ण पहल की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। इस केस में 114 गवाह है और जानकारी के मुताबिक अभी 7 ही गवाहों की गवाही दर्ज की गई है। इसी के चलते जस्टिस पहल ने कहा, इस केस को पूरा होने में अभी समय लगेगा। कोर्ट ने कहा, बड़ी संख्या में गवाहों से पूछताछ की जानी बाकी है और भविष्य में मुकदमे के जल्द पूरा होने की कोई उम्मीद नहीं है। इसी के चलते जमानत देने के लिए यह केस फिट है।
किन आरोपियों को मिली जमानत?
इस केस में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही जमानत दी थी। इसी के बाद हाईकोर्ट ने ने इस मामले में आरोपी अंकित दास, नंदन सिंह बिष्ट, लतीफ उर्फ ​​काले, सत्यम त्रिपाठी उर्फ ​​सत्य प्रकाश त्रिपाठी, शेखर भारती, धर्मेंद्र सिंह बंजारा, आशीष पांडे, रिंकू राणा, उल्लास कुमार त्रिवेदी उर्फ ​​मोहित त्रिवेदी, लवकुश, सुमित जयसवाल और शिशुपाल को जमानत दी। हालांकि हाईकोर्ट ने इन 12 आरोपियों को पिछले साल अलग-अलग तारीखों पर अंतरिम जमानत दी थी।

कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने कहा इस केस में क्रॉस वर्जन (CROSS VERSION), मतलब जहां गवाहों का आरोप है कि आरोपियों ने हिंसा की इसकी वजह से लोगों की मौत हुई। वहीं आरोपी सुमित जयसवाल का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने हमला किया, इसकी वजह से हरिओम मिश्रा की हत्या हुई। दोनों पक्ष आरोपी और गवाह एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं और क्रॉस वर्जन दिखाई दे रहा है।
मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ ​​मोनू को सुप्रीम कोर्ट ने 22.07.2024 को जमानत दे दी थी। कोर्ट ने कहा, जहां आशीष मिश्रा के नाम पर F.I.R दर्ज थी। वहीं इस मामले में आरोपियों के नाम पर F।I।R भी दर्ज नहीं है, इसीलिए उनका मामला मुख्य आरोपी से बेहतर है। कोर्ट ने कहा, काफी सारे गवाहों की गवाही अभी दर्ज होना बाकी है और अभी इस केस के पूरे होने के कोई आसार नहीं है।
कोर्ट ने कहा, ऐसे कोई संकेत नहीं है कि आरोपियों ने पिछले साल दी गई अंतरिम जमानत का दुरुपयोग किया हो. साथ ही कोर्ट ने कहा, इसी के चलते कोर्ट इन आरोपियों को जमानत देने के लिए फिट मानता है और इन्हें जमानत दी जाती है.
क्या था पूरा मामला?
साल 2021 में उत्तर प्रदेश का लखीमपुर खीरी सुर्खियों में बना हुआ था. साल 2021 में किसान नए किसान कानूनों का विरोध कर रहे थे। इसी के चलते किसान लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे थे। तभी अशीष मिश्रा पर आरोप है कि वो गाड़ी से आए और उनकी गाड़ी से 4 किसान कुचल गए। इस हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत दर्ज की गई थी। साथ ही एक पत्रकार की भी मौत हुई थी। साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को 8 हफ्तों की अंतरिम जमानत दी थी। इसी के बाद जमानत को बढ़ा दिया गया था। इसी के बाद इस साल 22 जुलाई को आशीष मिश्रा को पूरी तरह से जमानत दे दी गई।

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